सिद्धार्थ गोरखपुरी Language: Hindi 721 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 Next सिद्धार्थ गोरखपुरी 12 Aug 2023 · 1 min read मंजिल बोझिल नजरों से ओझिल रस्ता देख रहे मंजिल का अपने जेहन में सुलगते विचार अनेकों संग में शुरू के सुलगते सपने भ्रम है, के भ्रम है मुझको साथ न खुद... Hindi · कविता 368 Share सिद्धार्थ गोरखपुरी 9 Aug 2023 · 1 min read कृष्ण मिलेंगे क्या??? ज़ब बिना चाह के इस वक़्त ने सुदामा बनाया, सवाल वक़्त से वाजिब है.....के अब कृष्ण मिलेंगे क्या?? -सिद्धार्थ गोरखपुरी Hindi · शेर 126 Share सिद्धार्थ गोरखपुरी 27 Jul 2023 · 1 min read ख़्वाबों में मैंने तुमको ख्वाबों में आते - जाते देखा है दिल ने मुझे बतलाया है तूँ किस्मत की रेखा है ख्वाब में तुम आती हो ज़ब - ज़ब चैन कहीं खो... Hindi · गीत 1 99 Share सिद्धार्थ गोरखपुरी 19 Jul 2023 · 1 min read डिजिटल डिजिटल हुई मोहब्बत और शादियां भी डिजिटल रिश्तों में फार्मेलिटी है जो निभ रहें हैं डिजिटल हाल - चाल अब तो कोर्रम का उदाहरण है चैट में समाहित हर रिश्तों... Hindi · कविता 392 Share सिद्धार्थ गोरखपुरी 18 Jul 2023 · 1 min read हम को हुए क्या.... सुपुर्द -ए - भरम को फिर हम हासिल न हुए हम को -सिद्धार्थ गोरखपुरी Hindi · शेर 514 Share सिद्धार्थ गोरखपुरी 15 Jul 2023 · 1 min read फ़ितरत बदलेगी बदलना ज़ब तय ही है तो, नियति बदलेगी कुदरत बदलेगीl प्रेम - भाव के अधूरेपन की, कभी न कभी तो फ़ितरत बदलेगीl अधूरे स्वप्न अधूरा जीवनl आधे -आधे में कटता... "फितरत" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 5 1 571 Share सिद्धार्थ गोरखपुरी 12 Jul 2023 · 1 min read जरा - जरा न कहो जरा सी बात को.... जरा -जरा न कहो कहो जरा अगर...उसको फिर खरा न कहो जिंदगी पूर्णता तक भला कब पहुँची कहता हूँ तो कहते हो अधूरा न कहो मूक... Hindi · ग़ज़ल 225 Share सिद्धार्थ गोरखपुरी 12 Jul 2023 · 1 min read मौन अधर ये मौन अधर की बातें केवल नैना कह पाते हैं नैना सब कुछ सुन लेते हैं मुख पर चैना रह जाते हैं ख्वाब सुहावन पावन होकर अरज के साथ प्रवास... Hindi · गीत 337 Share सिद्धार्थ गोरखपुरी 6 Jul 2023 · 1 min read हूँ कालर के बटन सा हूँ मैं... होकर भी.....न होने के बराबर -सिद्धार्थ गोरखपुरी Hindi · शेर 1 472 Share सिद्धार्थ गोरखपुरी 23 Jun 2023 · 1 min read भाव महादेव के चरणों में समर्पित..... तुममें और मुझमें बस एक समानता है, तुम भाव के भूखे हो और मैं भी.... माना के तुम्हारे भाव और मेरे भाव में अंतर है... Hindi · कविता 1 1 332 Share सिद्धार्थ गोरखपुरी 17 Jun 2023 · 1 min read लम्स लम्स की आरजू मरकूज है बस खयालों तक वो मेरे रूबरू हो तो फिर कुछ याद नहीं रहता - सिद्धार्थ गोरखपुरी Hindi · शेर 1 139 Share सिद्धार्थ गोरखपुरी 16 Jun 2023 · 1 min read जरूरी तो नहीं??? आज रख दिल पर हाथ और बता ही दे मैं ज़रूरत हूँ!!!जरूरी तो नहीं??? -सिद्धार्थ गोरखपुरी Hindi · शेर 1 262 Share सिद्धार्थ गोरखपुरी 17 May 2023 · 1 min read नजर अंदाज जिस नजर से नजर अंदाज किया है उसने, हमें अंदाजा न था के अंदाज ऐसा भी है उसका -सिद्धार्थ गोरखपुरी Hindi · शेर 1 192 Share सिद्धार्थ गोरखपुरी 17 May 2023 · 1 min read आसान कहाँ है? आसान कहाँ है???? खुद की शिकायत करना अच्छे वक्त में खुद से खुद की हिफाजत करना आदमी चला जाता किसी और दुनिया में सिद्धार्थ, अच्छे वक्त में भूल जाता है... Hindi · कविता 1 252 Share सिद्धार्थ गोरखपुरी 12 May 2023 · 1 min read पूछा जाएगा सेल्फ अटेस्टेड हैसियत प्रमाण पत्र दिखाते रहिए पूछा जाएगा आधार के आखिर आधार क्या है???? -सिद्धार्थ गोरखपुरी Hindi · शेर 1 221 Share सिद्धार्थ गोरखपुरी 10 May 2023 · 1 min read भला पहले मैं अच्छा भला था... अब भला अच्छा कहाँ हूँ हो गया हूँ बड़ा उमर में अब भला बच्चा कहाँ हूँ -सिद्धार्थ गोरखपुरी Hindi · शेर 1 187 Share सिद्धार्थ गोरखपुरी 7 May 2023 · 1 min read सफलता मैं चूमना चाहता हूं अपनी सफलता को जो पीछे छुपी है विफलता के वो देख रही है मुस्कुरा कर मुझे पर उसका देखना भी...... रास नहीं आ रहा विफलता को... Hindi · कविता 2 418 Share सिद्धार्थ गोरखपुरी 6 May 2023 · 1 min read नारदीं भी हैं शब्द महज एक से ...बातों का कारवाँ बात उपजाने का हुनर इनसे सीखिए नारद के सापेक्ष अब नारदीं भी हैं फिरसे न पूछिएगा के किनसे पूछिए किसको खबर है गाँव... Hindi · हास्य-व्यंग्य 1 496 Share सिद्धार्थ गोरखपुरी 1 May 2023 · 1 min read शाम -ए -मजदूर रह- रह कर वक्त -ए - मुहूरत निकलती है के मालिकों को भी मजदूर से ज़रूरत निकलती है मशला.... मानों तो अन्योन्याश्रित का ही है पर शाम -ए - मजदूर... Hindi · मुक्तक 209 Share सिद्धार्थ गोरखपुरी 6 Apr 2023 · 1 min read पवनसुत सिया-राम के असीम स्नेह की पुत्रवत प्रेम की धार पवनसुत भक्त वत्सल करुणानिधान के करुणा के मुक्ताहार पवनसुत शत्रु समक्ष... युद्ध कौशल में दक्ष रघुपति की ललकार पवनसुत भक्ति के... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 392 Share सिद्धार्थ गोरखपुरी 22 Mar 2023 · 1 min read लिहाज करती है कितना भी दबाओ मगर आवाज़ करती है गरीबी कब, कहाँ, किसका लिहाज करती है असमय चेहरे की झुर्रिया और पके बाल सारे हिस्से में आ ही गए हैं वैसे तो... Hindi · गीत 164 Share सिद्धार्थ गोरखपुरी 17 Mar 2023 · 1 min read नहीं आती किरदार खुद का हूं....कई किरदारी नहीं आती थोड़े फन से जीवन में बहुत फनकारी नहीं आती गजब की जादूगरी आती है इस अजब की दुनिया को, मैं करना भी अगर... Hindi · शेर 1 272 Share सिद्धार्थ गोरखपुरी 6 Mar 2023 · 1 min read हो गए अरसा लगा... उमर गयी... बेहाल हो गए भरोसे खर्च डाले सब और कंगाल हो गए मुझे जानते थे बस मेरी आहट से जितने लोग मेरी पहचान पर उनके ही कई... Hindi · ग़ज़ल 3 129 Share सिद्धार्थ गोरखपुरी 1 Mar 2023 · 1 min read असासा तेरा अब भी मेरे पास कीमती असासा है के तूँ अब भी मुझमें बच गया जरा सा है चाहा तुझको मुकम्मल निकाल फेंके तूँ मेरे लिए महज एक....हादसा है आखिर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 187 Share सिद्धार्थ गोरखपुरी 31 Jan 2023 · 1 min read पूछकर ज़ब वो.. थक गया अनगिनत सवाल पूछकर न जाने कैसे - कैसे जंजाल -ओ- बवाल पूछकर तसल्ली ही हो रही थी के सवाल खतम हुआ.... उसने मुझे गफलत में डाल... Hindi · मुक्तक 134 Share सिद्धार्थ गोरखपुरी 27 Jan 2023 · 1 min read खुद की बात खुद की बात और खुद के हालात बस केवल स्वयं तक सीमित रहे बाकी... दूजा तो अन्तर्यामी है...... -सिद्धार्थ गोरखपुरी Hindi · कोटेशन 171 Share सिद्धार्थ गोरखपुरी 24 Jan 2023 · 1 min read पूछता है मन अक्सर बेतुका सवाल पूछता है के मुझसे ही मेरा खयाल पूछता है उसे बखूबी इल्म है के हाल क्या है पता नहीं क्यों? बहरहाल....पूछता है -सिद्धार्थ गोरखपुरी Hindi · शेर 2 252 Share सिद्धार्थ गोरखपुरी 22 Jan 2023 · 1 min read दुःखा देता है वो तो बस बात -ए - हवा देता है अब कौन किसको कब दुआ देता है जमाना ख़राब है जरा सम्भल के रहो जिसको मौका मिले वही दिल दुःखा देता... Hindi · मुक्तक 1 187 Share सिद्धार्थ गोरखपुरी 14 Jan 2023 · 1 min read औकात जानता है सुबह - दोपहर - शाम,दिन रात जानता है कही - अनकही हर एक बात जानता है तुम महज उड़ रहे हो... ये तुम्हे भी इल्म रहे, वैसे खुदा तुम्हारी भी... Hindi · मुक्तक 1 121 Share सिद्धार्थ गोरखपुरी 11 Jan 2023 · 1 min read मर्द ज़ब भी आँखों से ओझल कोई दर्द दिखाई देता है क्या ध्यान से देखा है सबने?? इक मर्द दिखाई देता है करुणा कलित हृदय में पीड़ा डेरा डाले सोती है... Hindi · कविता 1 117 Share सिद्धार्थ गोरखपुरी 6 Jan 2023 · 1 min read वियाह कटवा विवाह के चाह को हलाल करने का प्रण लिए हुए गाँव की सबसे एक्टिव प्रजाति का अशुभ नाम है 'वियाह कटवा ' वियाह कटवा से शादी की असीम तमन्ना रखने... Hindi · लेख 1 194 Share सिद्धार्थ गोरखपुरी 5 Jan 2023 · 1 min read खबर कर रहें हैं तेरे ख्वाब मुझमें बसर कर रहें हैं धीरे -धीरे मुझमें ये घर कर रहें हैं तुम खो गए हो, न तुमको पता है तुम्हे हम तुम्हारी खबर कर रहें हैं... Hindi · गीत 1 150 Share सिद्धार्थ गोरखपुरी 4 Jan 2023 · 1 min read खुद अजीब कश्मकश थी खुद के रूबरू पेश होना.... मैं जज भी खुद, वकील भी खुद और गुनेहगार भी खुद -सिद्धार्थ गोरखपुरी Hindi · शेर 2 2 119 Share सिद्धार्थ गोरखपुरी 1 Jan 2023 · 1 min read नव वर्ष की शुभकामनाएं नूतन वर्ष में हर्ष मिले और नर - नारायण का साथ मिले खुशियाँ दर पर वर्षा सम बरसे प्रेम -सौहार्द अगाध मिले दृढ सोच को तनिक संकोच न हो सफलता... Hindi · मुक्तक 1 308 Share सिद्धार्थ गोरखपुरी 31 Dec 2022 · 1 min read अच्छे दिन आने वाला अब नया साल है लो बीत गया दिसम्बर है न उसको मेरी कोई खबर न उसकी मुझको कोई खबर है मौन अधर और खुले नयन कैसे हो बिन... Hindi · गीत 2 112 Share सिद्धार्थ गोरखपुरी 31 Dec 2022 · 1 min read मौन कहने की क़ीमत मौन से चुकाई है मैंने मैं कौन? तुम कौन?..... सब मिथ्या है -सिद्धार्थ गोरखपुरी Hindi · शेर 2 104 Share सिद्धार्थ गोरखपुरी 29 Dec 2022 · 1 min read माफ़ी दे दी दूसरों की सजा खुद को काफ़ी दे दी देना कुछ मुनासिब न लगा, हालांकि दे दी ज़ब मुझे इल्म हुआ मेरी नासमझी का फिर क्या? मैंने खुद को माफ़ी दे... Hindi 1 188 Share सिद्धार्थ गोरखपुरी 27 Dec 2022 · 1 min read कागजी उसकी मुझसे कुछ इसकदर नाराजगी हो गयी के उसकी बातें सरकार की तरह कागजी हो गयी वायदे तमाम , धरातल पर शून्य, मगर कागज में पूर्ण -सिद्धार्थ गोरखपुरी Hindi · शेर 1 121 Share सिद्धार्थ गोरखपुरी 19 Dec 2022 · 1 min read क़सीदें क़सीदें मेरी अच्छाईयों के पढ़ता था कोई या तो वो बदल गया या फिर उसकी जुबान बदल गयी -सिद्धार्थ गोरखपुरी Hindi · शेर 1 104 Share सिद्धार्थ गोरखपुरी 19 Dec 2022 · 1 min read परोस दी वक़्त भूखा था और मेरे रूबरू था खड़ा फिर क्या... मैंने सारी उम्मीद परोस दी उसको -सिद्धार्थ गोरखपुरी Hindi · शेर 1 116 Share सिद्धार्थ गोरखपुरी 18 Dec 2022 · 1 min read हासिल न कर सको हम इतना भी अपने आप को काबिल न कर सके के तुम मुझे आसानी से हासिल न कर सको -सिद्धार्थ गोरखपुरी Hindi · शेर 1 223 Share सिद्धार्थ गोरखपुरी 8 Dec 2022 · 1 min read सही नहीं लगता कभी - कभार मुझे मैं ही, मैं नहीं लगता कभी तुम्हे सही नहीं लगता कभी मुझे सही नहीं लगता ये रिश्ते महज कोर्रम हो गए हैं ताल्लुकात पुराना वही नहीं... Hindi · कविता 1 91 Share सिद्धार्थ गोरखपुरी 6 Dec 2022 · 1 min read चाहता हूँ मैं कहां चाँद तारा चाहता हूं मैं तो बस तेरा सहारा चाहता हूं चल सकूँ विश्वास लेकर दो कदम बस मैं वही भरोसा दुबारा चाहता हूँ Hindi · मुक्तक 2 142 Share सिद्धार्थ गोरखपुरी 1 Dec 2022 · 1 min read बनिए हाँ में हाँ मिलाकर आदमी का सीपहलासार बनिए या फिर सच कहिए और गुनेहगार बनिए -सिद्धार्थ गोरखपुरी Hindi · शेर 1 112 Share सिद्धार्थ गोरखपुरी 27 Nov 2022 · 1 min read ऐब मुफलिसी के सिक्के जबसे जेब आ गए तबसे ही मेरे अंदर लाखों ऐब आ गए -सिद्धार्थ गोरखपुरी Hindi · शेर 1 157 Share सिद्धार्थ गोरखपुरी 27 Nov 2022 · 1 min read तुम नए सूरज बने हो गीत - तुम नए सूरज बने हो तुम नए सूरज बने हो बाँटते हो हर घर उजाला मैं तो ठहरा एक जुगनू फिर भी मेरा घर छोड़ देना है चमक... Hindi · गीत 1 170 Share सिद्धार्थ गोरखपुरी 27 Nov 2022 · 1 min read आती है जुबां! बेज़ुबाँ होकर, कागदी आती है एक अरसे के बाद सादगी आती है सीने में महज दिल का धड़कना तो जिंदादिली नहीं, दुनिया देखकर भी जिन्दगी आती है मैं जिंदा... Hindi · ग़ज़ल 2 2 112 Share सिद्धार्थ गोरखपुरी 13 Nov 2022 · 1 min read जर्रा - जर्रा त्याग दिया मन की हर भाषा आशा से तौबा कर डाला मन से मन की कभी बनी न हालातों से समझौता कर डाला लगता है के अबतो, मैं खुदसे ही... Hindi · गीत 1 137 Share सिद्धार्थ गोरखपुरी 10 Nov 2022 · 1 min read खुलकर बोलूंगा जेहन का हर बोझ त्यागकर मन का हर इक संकोच त्यागकर भेद मैं मन के खोलूंगा आज मैं खुलकर बोलूंगा खुद के सम्मुख खुद को करके निज हाथ आशीष माथ... Hindi · कविता 2 234 Share सिद्धार्थ गोरखपुरी 25 Oct 2022 · 1 min read लिबास -ए -उम्मीद लिबास -ए - उम्मीद सुफ़ेद पहन रक्खा है स्याह से लोग हैं और स्याह वादा है लिबास पहने रक्खेगा या उतार फेकेगा? बता आदमी! क्या तेरा इरादा है? -सिद्धार्थ गोरखपुरी Hindi · शेर 3 3 291 Share Previous Page 2 Next