सिद्धार्थ गोरखपुरी Tag: ग़ज़ल/गीतिका 61 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 सिद्धार्थ गोरखपुरी 30 Apr 2021 · 1 min read लगनिये में लॉकडाउन हो जाता वियाह के उत्साह में आवत आवत, सारा अरमान डाउन हो जाता। करिया बरवा जब पाकत बा, तब ओहपर कलर ब्राउन हो जाता। तमाम लोग से सिफारिश कर के कइले तैयारी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 2 390 Share सिद्धार्थ गोरखपुरी 6 Apr 2021 · 1 min read आँक लेने वाले मेरे नयन रहे हैं तेरे हर गम ,भाप लेने वाले। तेरे इरादे रहे हैं मेरी हैसियत ,माप लेने वाले। तुझसे शिकायत करके कुछ हासिल न कर सके, आज भी बेचैन... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 1 267 Share सिद्धार्थ गोरखपुरी 4 Apr 2021 · 1 min read बदल क्यो नही जाता बदल बेकार ही है ,तो बदल क्यो नहीं जाता । खुली दौड़ में शामिल हो, मचल क्यो नहीं जाता । जिंदगी भर साथ देने की वायदे करने वाले, तूँ अच्छाईयों... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 450 Share सिद्धार्थ गोरखपुरी 29 Mar 2021 · 1 min read होली की असीम शुभकामनाएं सातो रंग इंद्र धनुष के , हो जीवन की रंगोली में। गुझिया खाकर मुँह मीठा हो ,और मिठास हो बोली में। सबके उर आनन्द समाए तब जाकर कुछ बात बने,... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 4 492 Share सिद्धार्थ गोरखपुरी 28 Mar 2021 · 1 min read मन की बातें मन ही जाने मन की बातें मन ही जाने , तिल तिल कर जो चूर हुआ है। होनी अनहोनी साथ लिए, वो जीने को मजबूर हुआ है। जो जिंदगी को देखा करता था... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 2 543 Share सिद्धार्थ गोरखपुरी 26 Mar 2021 · 1 min read बड़े भाग से यह साल में होली में परधानी बा फलाने लड़िहे ढेमाके लड़िहे , घर घर इहे कहानी बा। दिल्ली के लखनऊ के भूलि जा अब ,गाँव बनल रजधानी बा। खूब लह गईल मुर्ग मुसल्लम दारू वाले भैया के,... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 336 Share सिद्धार्थ गोरखपुरी 26 Mar 2021 · 1 min read हर बार तुम्हारी ममता मां के लिए- हर बार तुम्हारी ममता, हर बार तुम्हारी आंखें। रहतीं बेचैन हमेशा , हर बार राह ही ताकें। हर बार तुम्हारी ममता, हर बार तुम्हारी आंखें। तेरे पल्लू... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 391 Share सिद्धार्थ गोरखपुरी 25 Mar 2021 · 1 min read प्याज महंगा हो गया। बात कर रहें है इमाम-ए- हिन्द के माफिक,व्यापारियों का तो अब मिजाज महंगा हो गया है। सब्जियों के दाम में लग चुकी है आग अब, आलू महंगा हो गया और... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 248 Share सिद्धार्थ गोरखपुरी 25 Mar 2021 · 1 min read निजीकरण होगा निजीकरण होगा और नौकरी का सरलीकरण होगा। युवाओं तुम्हारे स्वप्न रूपी वस्त्रों का चीर हरण होगा। बुद्धिमत्ता से कुछ गर पास कर गए जो परीक्षा, ऐसे ही लोगो के देह... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 553 Share सिद्धार्थ गोरखपुरी 24 Mar 2021 · 1 min read मोहर तुहरे पास रही मोहर तुहरे पास रही....... एहर तोहरे पास रही और वोहर तुहरे पास रही। वोटवा हमहि के दिहा भैया, हमरे से तोहर आस रही। हम परधान माने तूँ परधान इहे मन... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 2 413 Share सिद्धार्थ गोरखपुरी 24 Mar 2021 · 1 min read काश के जिंदगी में कुछ काश के जिंदगी में कुछ खुशी, मयस्सर हो जाये। दुश्वारियां बड़ी बेचैन करती हैं ,इनका ट्रांसफर हो जाये। कर सकती है कुछ रहम मुझपर तो करदे ऐ जिंदगी, गर कह... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 1 349 Share Previous Page 2