संगीता शुक्ला Tag: कविता 4 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid संगीता शुक्ला 17 Aug 2017 · 1 min read आज़ादी कैसे मनाये गांव शहर बनता गया, शहर पत्थरो से घिरता गया, आज़ादी कैसे मनाये, गौरैयों का आशियाँ उजड़ता गया, संस्कृतियां किताबो की मोहताज बनती गई अपनापन खालीपन में बदलने लगा आज़ादी कैसे... Hindi · कविता 464 Share संगीता शुक्ला 28 Jul 2017 · 1 min read मेरे अंश मेरे अंश तुझे मैं सुख दूंगी मैं शक्ति बन तुझको बल दूंगी स्वार्थियों से भरे इस समाज मे मैं तुझको निःस्वार्थ जीवन दूँगी फर्क नही मुझको जो बेटी हो या... Hindi · कविता 311 Share संगीता शुक्ला 23 May 2017 · 1 min read राह का पत्थर नफरतो का दौर वो ले आये बने फिरते है क्यों अनजाने कभी झांक कर देखे गिरेबां अपना मिलेंगे बहुत से अफसाने खुदगर्जी का आलम उनको इस कदर नशा सा कर... Hindi · कविता 401 Share संगीता शुक्ला 13 Jan 2017 · 1 min read बेटी शक्ति का संचार है बेटी भक्ति का द्वार है बेटी मुक्ति का मार्ग है बेटी सृजन संसार है बेटी मन का भाव है बेटी रामायण का पाठ है बेटी गीता... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 1 772 Share