Dr MusafiR BaithA 478 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Dr MusafiR BaithA 20 Feb 2025 · 1 min read धर्म भगदड़ / मुसाफिर बैठा किसी भगदड़ में यदि शामिल है धर्म या कि धर्म है इसका अपराधी तो घटने में हुई मौतों की गिनती घटा कर करती है राजसत्ता शासक धर्मभीरू हो या अन्यमनस्कधर्म... Hindi · कविता 165 Share Dr MusafiR BaithA 20 Feb 2025 · 1 min read धर्मसंकट / मुसाफिर बैठा उन्हें सपत्नीक कुंभ नहान को जाना है इस कुंभ के एक सौ चौआलीस साल बाद आने का अविरल संयोग पत्नी के गले की फांस बना हुआ है जाना ट्रेन से... Hindi · कविता 281 Share Dr MusafiR BaithA 14 Feb 2025 · 1 min read वेलेंटाइन डे पर द्विज प्रेम प्रलाप / मुसाफ़िर बैठा अपने पुरखों के बनाए वर्णवाद में वर्चस्व का लाभ उठाते अपने मनुऔलादपन का घिनौना प्रदर्शन करते बुद्धिजीवी सवर्ण फेसबुक पर वेलेंटाइन डे पर प्रेम का प्रलाप करने में जुटे हैं... Hindi · कविता 157 Share Dr MusafiR BaithA 11 Feb 2025 · 1 min read धर्म–भेड़िए और धर्म–भेड़ें / मुसाफ़िर बैठा समाज में धर्म–भेड़िए होते हैं और उनके भक्षण के लिए भेड़ियाधसान मानसिकता में पलित बहुतायत में उपलब्ध धर्म–भेड़ें! Hindi · कोटेशन 125 Share Dr MusafiR BaithA 23 Jan 2025 · 23 min read बिहार-झारखंड के दलित साहित्य का समकालीन परिदृश्य | डॉ. मुसाफ़िर बैठा हम सब जानते हैं, दलित साहित्य का आविर्भाव दलित तबके को द्विजों द्वारा सदियों से मिलती आई हकमारी से उपजी खुदमुख्तारी की एसर्टिव भावना के तहत हुआ है। लोकतंत्र के... Hindi · लेख 343 Share Dr MusafiR BaithA 17 Jan 2025 · 1 min read किस्सा / मुसाफ़िर बैठा बुद्धिजीवी सवर्णों के पास किस्से बहुत होते हैं जबकि इस वर्णवादी समाज में बहुजनों का जीवन ही एक कठिन किस्सा होता है। Hindi · कविता 1 142 Share Dr MusafiR BaithA 11 Jan 2025 · 11 min read बहुजन अथवा ओबीसी साहित्य बनाम दलित साहित्य / मुसाफ़िर बैठा ओबीसी साहित्य अथवा बहुजन साहित्य की अवधारणा को हिंदी साहित्य के धरातल पर उगाने और जमाने का प्रयास बिहार के कुछ लोग और उनका मंच बनी फॉरवर्ड प्रेस पत्रिका के... Hindi · लेख 129 Share Dr MusafiR BaithA 11 Jan 2025 · 1 min read सजा का प्रश्न / मुसाफिर बैठा खुदा जैसा तो कुछ होता नहीं मगर कल्पनाओं से खुदी में अनेरे जहरीले घास सा पैदा खुदा के से तुम खुदा हो खुदा के कैरेक्टर में होने से तुम सबके... Hindi · कविता 124 Share Dr MusafiR BaithA 1 Jan 2025 · 1 min read कैलेंडर नया पुराना / मुसाफ़िर बैठा रात को सोया जब कैलेंडर ज़िंदा था मेरे शयनकक्ष में टंगा सुबह देखा हर्फ हर्फ उसके निस्तेज हो गए हैं गर्दनें लटक कर उनकी भेंट चढ़ गई हैं समय की... Hindi · कविता 264 Share Dr MusafiR BaithA 25 Dec 2024 · 13 min read हिन्दी साहित्य के सिरमौर दलित लेखक ओमप्रकाश वाल्मीकि / मुसाफ़िर बैठा साहित्य के लेजेंडरी और लोकप्रिय दलित लेखक ओमप्रकाश वाल्मीकि अब स्मृतिशेष हैं। कैंसर रोग ने उन्हें असमय ही लील लिया, जबकि साहित्य के लिए उन्हें अब भी बहुत कुछ करना... Hindi · लेख 701 Share Dr MusafiR BaithA 25 Dec 2024 · 1 min read मेरा कहा / मुसाफिर बैठा आगरा में राजाई दिनों की प्रेम को एक अनूठी पहचान देती अनोखी इमारत, ताज़महल है, इमारत राजा द्वारा बनाई गई है तो सैकड़ों मजदूरों के लाखों घंटे के शोषित श्रम... Hindi · कविता 227 Share Dr MusafiR BaithA 12 Dec 2024 · 1 min read मर्दाना हँसी ताक़तवर हँसी *मुसाफिर बैठा हँसी यदि खुली हुई हो बेलौस बेपरवाह बेहद हो अट्टहास भरी हो और हो उच्छृंखलता सनी पितृसत्तात्मक या कि बंद समाज में अनहद अर्थ उगाहने वाली एक औरत की हो... Hindi · कविता 173 Share Dr MusafiR BaithA 7 Dec 2024 · 1 min read छह दिसबंर / मुसाफिर बैठा छह दिसबंर मज़हबी मुसलमानों को याद रहना चाहिए और सनातनी हिंदुओं को भी याद तो यह दिन अन्य मुसलमानों और हिंदुओं को भी रहना चाहिए और गैर हिन्दू गैर मुसलमानों... Hindi · कविता 235 Share Dr MusafiR BaithA 27 Nov 2024 · 1 min read रावण जी होना चाहता हूं / मुसाफिर बैठा राम रावण के पॉपुलर मिथक और मिथक–मान के विरुद्ध खड़ा होना चाहता हूं अनैतिक रामवादियों से जीत कर नीति का झंडा गाड़ना चाहता हूँ मैं रामायण की गप कथा का... Hindi · कविता 1 188 Share Dr MusafiR BaithA 31 Oct 2024 · 1 min read नफरती दानी / मुसाफिर बैठा एक अस्पताल के पास एक नफरती दानी गरीबों को मुफ्त में खाना बांट रहा था। ’पुण्य’ कमाने के इस धंधे में वह उसी को खाना दे रहा था जो ’जय... Hindi · लघु कथा 1 216 Share Dr MusafiR BaithA 25 Oct 2024 · 1 min read कविता की आलोचना में कविता पढ़िए गीता फिर बन किसी की आंखमूंद अनुगामी परिणीता जिमी द्रौपदी वरगाही या पांच पति तक पाकर पति निज घर बार बसाइए और दर्जनों संतान कमाइए! Hindi · कविता 1 1 203 Share Dr MusafiR BaithA 12 Oct 2024 · 1 min read थोथा चना ©मुसाफ़िर बैठा वसुधैव कुटुम्बकम सारे जहाँ से अच्छा... है प्रीत जहाँ की रीत सदा... सत्यमेव जयते आदि इत्यादि जैसे उच्च उत्तंग उदात्त उन्मत्त मानवीय भावों के ठकुरसुहाती छद्म कपटी उद्घोष जहाँ हैं... Hindi · कविता 242 Share Dr MusafiR BaithA 11 Oct 2024 · 1 min read हंसी / मुसाफिर बैठा हंसी अन्य वजहों से लगती है और गुदगुदी लगने लगाने से भी एक हंसी हमारी वह भी हो सकती है जो हमारे संभावित हत्यारे हमारी हत्या करने से पहले हममें... Hindi · कविता 184 Share Dr MusafiR BaithA 11 Oct 2024 · 1 min read वह भलामानस / मुसाफिर बैठा वह खुद को बुद्धिवादी मानता है यादव शक्ति पत्रिका चलाता है जैसे कि यादव और बुद्धिवादी सहजमेल के शब्द हों वह पेरियार को मानता है पेरियार से ज्यादा ललई सिंह... Hindi · कविता 157 Share Dr MusafiR BaithA 5 Oct 2024 · 9 min read बिहार से इस युवा-कलम से परिचय कीजिये / मुसाफिर बैठा कई ध्यान खींचने एवं प्रभावित करने वाले व्यक्तियों की तरह विभाश मुझे पहली बार सोशल मीडिया, फेसबुक पर ही मिले। यहाँ हमारे जुड़ाव का संघनन बढ़ता गया और हमने पाया... Hindi · लेख 216 Share Dr MusafiR BaithA 1 Oct 2024 · 1 min read ब्लैक शू / मुसाफिर बैठा मेरे स्कूल ड्रेस में शामिल था काले जूते पहनना काले जूते का मतलब ब्लैक शू और ब्लैक शू मतलब जो जूते काले हैं मगर केवल चमड़े के हैं यह बाद... Hindi · कविता 200 Share Dr MusafiR BaithA 1 Oct 2024 · 1 min read न छुए जा सके कबीर / मुसाफिर बैठा कबीर के नाम पर लोगों ने भले ही एक पंथ ही खड़ा कर डाला पर कबीर की तरह बाजार में खड़ा होकर सबकी खैर मांगने का माद्दा उनमें कहां आया... Hindi · कविता 179 Share Dr MusafiR BaithA 1 Oct 2024 · 1 min read आदिवासी और दलित अस्मिता का मौलिक फर्क / मुसाफिर बैठा एक आदिवासी बुद्धिजीवी अन्य समाज से पिछड़ कर भी अपनी सभ्यता और अस्मिता को आगे रख अकड़ता है। एक दलित बुद्धिजीवी अन्य समाज से पिछड़कर अपने हक के रूप में... Hindi · कविता 164 Share Dr MusafiR BaithA 1 Oct 2024 · 1 min read वंचित कंधा वर्चस्वित कंधा / मुसाफिर बैठा मैं आपके कंधे से अपना कंधा मिलाकर चलना चाहता हूं अभी संघर्ष तो आपके कंधे के बराबर अपने कंधे को करने का ही है मिलाकर चलने का स्टेज अगला है... Hindi · कविता 225 Share Dr MusafiR BaithA 1 Oct 2024 · 1 min read न कभी सच हो सकने वाली मेरी कल्पना / मुसाफिर बैठा धरती गोल है सच है मगर दृश्य सच नहीं है यह इधर सवर्ण जात को मैं जात के उत्पात को मैं धरती से गोल होते देखना चाहता हूं असुंदर दृश्य... Hindi · कविता 179 Share Dr MusafiR BaithA 1 Oct 2024 · 1 min read वयोवृद्ध कवि और उनका फेसबुक पर अबतक संभलता नाड़ा / मुसाफिर बैठा कविता के मोर्चे पर क्रांति कर थक गया कवि अब फेसबुक पर अपनी संवेदना, वेदना और उत्तेजना का बाजार सजा बैठा है सबूत इधर इतने कि कवि फेसबुक के लिए... Hindi · कविता 160 Share Dr MusafiR BaithA 29 Sep 2024 · 2 min read बारिश पर तीन कविताएं /©मुसाफिर बैठा 1. बारिश, रंग और जाति ~~~~~~~~~~~~~~ बारिश की कोई तय जाति नहीं होती न ही उसके पानी का कोई रंगधर्म होता है मगर उसे पाने को सभी रंग की जाति... Hindi · कविता 154 Share Dr MusafiR BaithA 27 Sep 2024 · 1 min read मित्र धर्म और मैं / मुसाफिर बैठा मित्र हूं तेरा मैं मतलब यह नहीं इसका कि मित्रता विरुद्ध के तेरे कर्मों को भी पचा जाऊंगा चुप्पी उस पर लगा जाऊंगा बल्कि करूंगा आगाह तुझे खबरदार करता रहूंगा... Hindi · कविता 140 Share Dr MusafiR BaithA 16 Sep 2024 · 1 min read मित्रता का मेरा हिसाब–किताब / मुसाफिर बैठा मित्रता का मेरा हिसाब–किताब जो अंधविश्वास का शत्रु नहीं बेशक, मैं उसका मित्र नहीं जो अंधविश्वास–विरुद्ध है वह भी जरूरी रूप से मेरा मित्र नहीं मित्रता के मेरे हिसाब में... Hindi · कविता 168 Share Dr MusafiR BaithA 1 Sep 2024 · 1 min read *जाति रोग* / मुसाफिर बैठा हर कोटरे में आपसी प्रेम दूसरे कोटरे से द्वेष दूरी मानो, जात जात में प्रेम के लिए खांचा भी है बड़ा जरूरी कोटरे में कैद कुंठित कुटुंब भाव वसुधैव कुटुंबकम्... Hindi · कविता 244 Share Page 1 Next