Mukesh Kumar Singh 1 post Sort by: Latest Likes Views List Grid Mukesh Kumar Singh 24 Jul 2021 · 1 min read मेरी परछाई अंजान हूँ अकेली गुमराह चल रही हूँ, फिर भी मैं तेरे साथ हर राह चल रही हूँ। मुझको बहुत दिनों से पहचानता है तू, ईक आग का दरिया हूँ ये... Hindi · कविता 2 412 Share