मृत्युंजय कुमार 8 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid मृत्युंजय कुमार 30 Dec 2022 · 1 min read हीरा बा अब नहीं रहीं वह हीरा बा, जो मोदी जी की माता थीं। सच्चे अर्थों में सोचो तो, भारत की भाग्य विधाता थीं। दे दिया देश को वह 'नरेन्द्र' जिसने भारत... Hindi 482 Share मृत्युंजय कुमार 12 Sep 2022 · 1 min read पक्षियों से कुछ सीखें रात को कुछ भी ना खाते घुमघाम के घर को आते अपने बच्चों को सही सिखाते सही समय का गुण सिखलाते ठूँस ठूँस कर न खाएँ खाना चाहे डालो जितना... Hindi · कविता 2 1 274 Share मृत्युंजय कुमार 4 Sep 2022 · 1 min read दुल्हों का बाजार आज दुल्हे बिकने लगे हैं दूल्हों के बाजार में ऑनलाइन व ऑफ़्लाइन दूल्हों के बाजार में सजधज के आज खड़े हैं दूल्हों के बाजार में लग रही है आज बोली... Hindi · कविता · व्यँग · व्यंग्य कविता 5 2 433 Share मृत्युंजय कुमार 15 Apr 2021 · 1 min read कोरोना खतरनाक मंजर है फैला खतरे में नर नारी खाली अब यह नहीं बीमारी। कोविड मनु संहारी ।(1) सुपरमैन शी वीमेन मानकर घूमें जो अनमास्क सिकंदर। फैलाकर भ्रमजाल जगत में दुबके... Hindi · कविता 2 1 409 Share मृत्युंजय कुमार 4 Feb 2021 · 1 min read मैं भी बेरोजगार मैं भी बेरोजगार का गीत गाया करता हूं घर बैठे इसे खूब गुनगुनाया करता हूँ कोई पूछे तो सरकार की कमियां बताया करता हूँ अपनी कमियों पर अक्सर चुप हो... Hindi · कविता 4 1 435 Share मृत्युंजय कुमार 2 Feb 2021 · 1 min read कुछ खत हमारे मोहब्बत के कुछ खत मेरे मोहब्बत के जो मैने तुमको लिखा था कुछ खत तेरे मोहब्बत के जो तुमने मुझको लिखा था वो दिन थे खूब मोहब्बत के जब मैने तुमको देखा... "कुछ खत मोहब्बत के" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 22 73 776 Share मृत्युंजय कुमार 2 Feb 2021 · 2 min read मेला बच्चे अपने पिता के साथ मेला देखने गये। बच्चों ने देखा मेला चकाचौंध लगा हुआ है, मेले में मिठाई की दुकाने, खिलौने की दुकाने, झूले, और भी अन्य दुकाने देख... Hindi · लेख 4 1 573 Share मृत्युंजय कुमार 2 Feb 2021 · 1 min read ??तिरंगे का अपमान तिरंगे का अपमान, सह नही सकता हूँ मैं कलम पकड़ और चुप, रह नही सकता हूँ मैं! तिरंगे का जो भी दोषी, उसकी न अब जान रहे लाल किले पर... Hindi · कविता 10 12 566 Share