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Tag: मुक्तक
139 posts
विरहणी के मुख से कुछ मुक्तक
विरहणी के मुख से कुछ मुक्तक
Ram Krishan Rastogi
तुम मेरे बादल हो, मै तुम्हारी काली घटा हूं
तुम मेरे बादल हो, मै तुम्हारी काली घटा हूं
Ram Krishan Rastogi
तेरी यादों की खुशबू
तेरी यादों की खुशबू
Ram Krishan Rastogi
सुहाग रात
सुहाग रात
Ram Krishan Rastogi
देखा है जब से तुमको
देखा है जब से तुमको
Ram Krishan Rastogi
मुझसे बचकर वह अब जायेगा कहां
मुझसे बचकर वह अब जायेगा कहां
Ram Krishan Rastogi
भले ही तुम कड़वे नीम प्रिय
भले ही तुम कड़वे नीम प्रिय
Ram Krishan Rastogi
मन तेरा भी करता होगा
मन तेरा भी करता होगा
Ram Krishan Rastogi
मेरा दिल क्यो मचल रहा है
मेरा दिल क्यो मचल रहा है
Ram Krishan Rastogi
तुम बिन आवे ना मोय निंदिया
तुम बिन आवे ना मोय निंदिया
Ram Krishan Rastogi
कभी क्यो दिल जलाते हो तुम मेरा
कभी क्यो दिल जलाते हो तुम मेरा
Ram Krishan Rastogi
करप्शन के टॉवर ढह गए
करप्शन के टॉवर ढह गए
Ram Krishan Rastogi
घर घर तिरंगा अब फहराना है
घर घर तिरंगा अब फहराना है
Ram Krishan Rastogi
रक्षाबंधन भाई बहन का त्योहार
रक्षाबंधन भाई बहन का त्योहार
Ram Krishan Rastogi
अगर प्यार करते हो मुझको
अगर प्यार करते हो मुझको
Ram Krishan Rastogi
कैसे बताऊं,मेरे कौन हो तुम
कैसे बताऊं,मेरे कौन हो तुम
Ram Krishan Rastogi
काश ! तेरी निगाह मेरे से मिल जाती
काश ! तेरी निगाह मेरे से मिल जाती
Ram Krishan Rastogi
में और मेरी बुढ़िया
में और मेरी बुढ़िया
Ram Krishan Rastogi
आज की सियासत
आज की सियासत
Ram Krishan Rastogi
कविता में मुहावरे भाग दो
कविता में मुहावरे भाग दो
Ram Krishan Rastogi
कविता में मुहावरे
कविता में मुहावरे
Ram Krishan Rastogi
आ तुझको तुझ से चुरा लू
आ तुझको तुझ से चुरा लू
Ram Krishan Rastogi
मुझसे बचकर वह अब जायेगा कहां
मुझसे बचकर वह अब जायेगा कहां
Ram Krishan Rastogi
क्या क्या हम भूल चुके है
क्या क्या हम भूल चुके है
Ram Krishan Rastogi
गर्मी का कहर
गर्मी का कहर
Ram Krishan Rastogi
टूटते परिवार सिमटते रिश्ते
टूटते परिवार सिमटते रिश्ते
Ram Krishan Rastogi
मेरे दिल का दर्द
मेरे दिल का दर्द
Ram Krishan Rastogi
मातृ दिवस पर मां को समर्पित कुछ पंक्तियां
मातृ दिवस पर मां को समर्पित कुछ पंक्तियां
Ram Krishan Rastogi
मजदूर दिवस
मजदूर दिवस
Ram Krishan Rastogi
तुझे अपने दिल में बसाना चाहती हूं
तुझे अपने दिल में बसाना चाहती हूं
Ram Krishan Rastogi
पनघट और मरघट में अन्तर
पनघट और मरघट में अन्तर
Ram Krishan Rastogi
विश्व पुस्तक दिवस पर पुस्तको की वेदना
विश्व पुस्तक दिवस पर पुस्तको की वेदना
Ram Krishan Rastogi
कुछ झूठ की दुकान लगाए बैठे है
कुछ झूठ की दुकान लगाए बैठे है
Ram Krishan Rastogi
शादीशुदा कुंवारा (हास्य व्यंग)
शादीशुदा कुंवारा (हास्य व्यंग)
Ram Krishan Rastogi
हनुमान जयंती पर कुछ मुक्तक
हनुमान जयंती पर कुछ मुक्तक
Ram Krishan Rastogi
कौन किसके बिन अधूरा है
कौन किसके बिन अधूरा है
Ram Krishan Rastogi
दिल से निकले हुए कुछ मुक्तक
दिल से निकले हुए कुछ मुक्तक
Ram Krishan Rastogi
तेरे दिल में कोई और है
तेरे दिल में कोई और है
Ram Krishan Rastogi
तीन शिक्षाप्रद मुक्तक
तीन शिक्षाप्रद मुक्तक
Ram Krishan Rastogi
किस्मत और जिंदगी पर मुक्तक
किस्मत और जिंदगी पर मुक्तक
Ram Krishan Rastogi
तेरी यादों की खुशबू
तेरी यादों की खुशबू
Ram Krishan Rastogi
प्यार भरा मुक्तक
प्यार भरा मुक्तक
Ram Krishan Rastogi
तड़फन भरे कुछ मुक्तक
तड़फन भरे कुछ मुक्तक
Ram Krishan Rastogi
मिया बीबी की खट पट
मिया बीबी की खट पट
Ram Krishan Rastogi
कविता पर कुछ मुक्तक
कविता पर कुछ मुक्तक
Ram Krishan Rastogi
होली मिलन पर मुक्तक
होली मिलन पर मुक्तक
Ram Krishan Rastogi
तुम मेरे बादल हो,मै तुम्हारी काली घटा हूं
तुम मेरे बादल हो,मै तुम्हारी काली घटा हूं
Ram Krishan Rastogi
इशारों इशारों में ही मेरा दिल चुरा लेते हो
इशारों इशारों में ही मेरा दिल चुरा लेते हो
Ram Krishan Rastogi
रिश्तों की महत्ता
रिश्तों की महत्ता
Ram Krishan Rastogi
तुम्हारी तस्वीर को छिपाया है दिल में मैने
तुम्हारी तस्वीर को छिपाया है दिल में मैने
Ram Krishan Rastogi
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