Moni Singh 1 post Sort by: Latest Likes Views List Grid Moni Singh 30 Nov 2018 · 1 min read माँ *माँ* देखती हूँ बरामदे के कोने पर रोज़ सुबह आती है दाना लिए वह नन्ही चिड़िया.. घोंसले में दुबके बच्चों को खिला मुड़ जाती है और लाने.. एक ही दिन... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 5 16 383 Share