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पत्थर - पत्थर सींचते ,
Mahendra Narayan
आदमी खरीदने लगा है आदमी को ऐसे कि-
Mahendra Narayan
दरक जाती हैं दीवारें यकीं ग़र हो न रिश्तों में
Mahendra Narayan
डोरी बाँधे प्रीति की, मन में भर विश्वास ।
Mahendra Narayan
हरियाली के बीच में , माँ का पकड़े हाथ ।
Mahendra Narayan
कोई भी नही भूख का मज़हब यहाँ होता है
Mahendra Narayan
रक़्श करतें हैं ख़यालात मेरे जब भी कभी..
Mahendra Narayan
बदली है मुफ़लिसी की तिज़ारत अभी यहाँ
Mahendra Narayan
ख़ुद को हमने निकाल रखा है
Mahendra Narayan
पावस में करती प्रकृति,
Mahendra Narayan
अरमानों की भीड़ में,
Mahendra Narayan
कुछ यथार्थ कुछ कल्पना कुछ अरूप कुछ रूप।
Mahendra Narayan
वो तसव्वर ही क्या जिसमें तू न हो
Mahendra Narayan
बादल आओ
Mahendra Narayan
फूलों की है टोकरी,
Mahendra Narayan
आदमी में भी राज़ गहरे नजर आतें हैं
Mahendra Narayan
हरकतें जब
Mahendra Narayan
हँसाती है किसी को और रूलाती है रोटियाँ,
Mahendra Narayan
फूलों के बाजार में ,
Mahendra Narayan
मजबूरी संगत करै,
Mahendra Narayan
भारी संकट नीर का, जग में दिखता आज ।
Mahendra Narayan
जीवन बरगद कीजिए
Mahendra Narayan
गुलदस्ता नहीं
Mahendra Narayan
कहीं फूलों के किस्से हैं कहीं काँटों के किस्से हैं
Mahendra Narayan
कौन यहाँ खुश रहता सबकी एक कहानी।
Mahendra Narayan
बादल को रास्ता भी दिखाती हैं हवाएँ
Mahendra Narayan
मौका जिस को भी मिले वही दिखाए रंग ।
Mahendra Narayan