Neeraj Mishra " नीर " Tag: ग़ज़ल 3 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Neeraj Mishra " नीर " 27 May 2024 · 1 min read कहर कुदरत का जारी है गर्म हवाओं का कहते है कहर चल रहा है लुटेरे बन यहाँ लुटे गए जंगल ,कहर कुदरत का जारी है काँटे पेड़ यहाँ बनाए आशियान-ए-जहा तूने जल रहे है आशियान-ए-जहा... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका · संस्मरण 81 Share Neeraj Mishra " नीर " 20 May 2024 · 1 min read खामोस है जमीं खामोस आसमां , खामोस है जमीं खामोस आसमां , दिल की तड़फ बताऊँ किसे कोई नहीं यहाँ | खामोस है जमीं खामोस आसमां खामोस है जमीं खामोस आसमां खुद को खुद में ढूढते... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका · गीत 1 75 Share Neeraj Mishra " नीर " 17 May 2024 · 1 min read जमाने से विद लेकर.... आज के बाद मैं तुझे याद नहीं आऊँगा जमाने से विद लेकर कही दूर चला जाऊंगा | रुख बदलती हवों के संग तु भी बदल जाएगा रिस्ता क्या तेरा मुझसे... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका 107 Share