Mumtaz Hassan 7 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Mumtaz Hassan 12 Oct 2021 · 1 min read लगी आग नफ़रत की ऐसी जहां में मैं जब भी पुराना मकान देखता हूं! थोड़ी- बहुत ख़ुद में जान देखता हूं! लड़ाई वजूद की वजूद पे है आई, ख़ुदा का भी ये इम्तिहान देखता हूं! उजड़ गया... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 1 326 Share Mumtaz Hassan 2 Aug 2021 · 1 min read ज़ख़्म देती रही ये दुनिया हमने जारी ये सिलसिला रक्खा! आपसे हर- वक़्त राब्ता रक्खा! क़रीब और क़रीब होता रहा था मैं, उसी ने जाने क्यूँ फासला रक्खा! क़दम-क़दम पे ठोकरें लगी मुझको, चलने का... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 218 Share Mumtaz Hassan 2 Aug 2021 · 1 min read तरक़्क़ी ले रही कुर्बानियां साए की दिल्लगी का मुझे भी हुनर आ गया! बेख़बर था जो बाख़बर आ गया! तरक़्क़ी ले रही कुर्बानियां साये की, ज़द में आज कोई शजर आ गया! जिधर देखूं नज़र तू... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 471 Share Mumtaz Hassan 2 Aug 2021 · 1 min read धुआं हो जाएंगे नफ़रतों के बादल देखना इकदिन हथेली पे जान रख देंगे! ज़मीं पे सर कदमों मेंआसमान रख देंगे! धुआं हो जाएंगे सब नफ़रतों के बादल, बंदों के हाथमें गर गीता-क़ुरान रख देंगे! मिट जाएगा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 225 Share Mumtaz Hassan 31 Jul 2021 · 1 min read अंधेरा सियासत का डराता है बहुत दर्द सीने में तेरा मुझको सताता बहुत है! ख़ुद तड़पता है मुझको तड़पाता बहुत है! कह हवाओं से चरागों ने खुदकुशी की है, अंधेरा सियासत का अब डराता बहुत है!... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 628 Share Mumtaz Hassan 31 Jul 2021 · 2 min read मानवता मानवता- हम कहां ढूंढे राजनीति के तंग गलियारे में है जहां- असत्य/बेईमानी/ भ्र्ष्टाचार की गंगोत्री अविरल वेग के साथ गतिशील ..! आतंकी आक्रमण के शिकार निरपराध लोगों की लाशें नोच-... Hindi · कविता 1 262 Share Mumtaz Hassan 31 Jul 2021 · 1 min read ग़ज़ल दिल तोड़ कर दिल लगाना बुरा है! नज़र से नज़र फिर मिलाना बुरा है!! वक़्त नाज़ुक है चलना सम्भलकर, फासले दरमियां हों, जमाना बुरा है! करो इश्क़ यूं के अंजाम... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 288 Share