Anurag Mehta Suroor 1 post Sort by: Latest Likes Views List Grid Anurag Mehta Suroor 1 Jul 2024 · 1 min read ग़ज़ल डर रहा था मैं जिनको खोने से कितने ख़ुश हैं वो मेरे रोने से बोझ सांसों का रोज़ ढोने से कौन ज़िन्दा है जिस्म होने से जिस्म को धो लें... Hindi · ग़ज़ल · शेर 1 1 75 Share