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हमारे साथ खेलेंगे नहीं हारे वो गर हम से
Meenakshi Masoom
तमाम बातें मेरी जो सुन के अगर ज़ियादा तू चुप रहेगा
Meenakshi Masoom
वो मेरी पाज़ेब की झंकार से बीमार है
Meenakshi Masoom
मेरी आँखों से जो ये बहता जल है
Meenakshi Masoom
तमाम रात वहम में ही जाग के गुज़ार दी
Meenakshi Masoom
यूँ तैश में जो फूल तोड़ के गया है दूर तू
Meenakshi Masoom
“अधूरी नज़्म”
Meenakshi Masoom
रुका तू मुद्दतों के बाद मुस्कुरा के पास है
Meenakshi Masoom
तेरी आँखों की जो ख़ुमारी है
Meenakshi Masoom
रहे सीने से लिपटा शॉल पहरेदार बन उनके
Meenakshi Masoom
ज़रा सा पास बैठो तो तुम्हें सब कुछ बताएँगे
Meenakshi Masoom
उस साधु को फिर देखने मैं जो गई - मीनाक्षी मासूम
Meenakshi Masoom
हरे हैं ज़ख़्म सारे सब्र थोड़ा और कर ले दिल
Meenakshi Masoom
देख तुझको यूँ निगाहों का चुराना मेरा - मीनाक्षी मासूम
Meenakshi Masoom
अगर ख़ुदा बनते पत्थर को तराश के
Meenakshi Masoom
बेचैन थी लहरें समंदर की अभी तूफ़ान से - मीनाक्षी मासूम
Meenakshi Masoom
तेरा जो दिल करे वैसा बनाना
Meenakshi Masoom
क्यों हमें बुनियाद होने की ग़लत-फ़हमी रही ये
Meenakshi Masoom