Manju Singh 16 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Manju Singh 7 Feb 2024 · 1 min read संतोष शिकायत भला क्यों करें हम किसी से मिला है बहुत ज़िन्दगी के सफर से। मिला जो नहीं, वो हमारा कहाँ था? है हासिल हमें जो हमारा यहाँ था| शिकायत करें... Poetry Writing Challenge-2 329 Share Manju Singh 7 Feb 2024 · 2 min read पाँच सितारा, डूबा तारा दिल्ली के एक अस्पताल में सात वर्षीया आद्या की 13 दिन तक डेंगू से जूझने के बाद मृत्यु हो गई| इस इलाज के लिए उसके माता-पिता ने करीब १६ लाख... Poetry Writing Challenge-2 372 Share Manju Singh 7 Feb 2024 · 1 min read पद्मावती पिक्चर के बहाने देश मेरा क्यों जल रहा, धूं धूं करके आज भूले सब संवेदना, राजनीति बस काज। राजपूत की शान को, कहें लगी है ठेस पद्मावती पर जो बनी, पिक्चर एक विशेष।... Poetry Writing Challenge-2 · 25 कविताएं 392 Share Manju Singh 7 Feb 2024 · 1 min read प्यार भरा इतवार भाता हमको आज भी उतना ही इतवार जितना बचपन में हमें आता इस पर प्यार। सूर्योदय के पूर्व ही खोलें प्रतिदिन आँख यही एक दिन है मिला, भैया चादर तान।... Poetry Writing Challenge-2 321 Share Manju Singh 5 Feb 2024 · 2 min read बचपन -- फिर से ??? ये हर दिन की मेहनत ये टेंशन ये ज़हमत मुझे क्यों बड़ा कर दिया मेरे राम नही है संभलते ये जीवन के काम। प्रभु सुन ले मेरी करुण ये पुकार... Poetry Writing Challenge-2 · Poem · कविता · बचपन/ पढ़ाई / खेल 1 298 Share Manju Singh 2 Feb 2024 · 1 min read आईने में ... आज उम्र के इस पड़ाव पर देखती हूँ जब भी आईना न जाने क्यों एक बूढ़ी स्त्री नज़र आती है कभी मुस्कुराती व कभी धीरज सा बँधाती है। कभी मुख... Poetry Writing Challenge-2 · Poem · कविता 1 328 Share Manju Singh 2 Feb 2024 · 1 min read मुखर-मौन कल तक जहाँ गूँजती थी तलवारों की आवाज़ दिल को डरा डरा देती थी, धनुषों की टंकार बरछे, भाले, तोप के गोले, खड्ग और कटार अपनी अपनी शक्ति परखने को... Poetry Writing Challenge-2 · Hindi Poem ( हिन्दी कविता ) 1 305 Share Manju Singh 31 Jan 2024 · 3 min read बेचारा प्रताड़ित पुरुष आज इक्कीसवीं शती में भी एक बड़ी जनसंख्या (जिसमें बहुसंख्य पुरुषों के साथ महिलाएँ भी सम्मिलित हैं) बलात्कार की शिकार स्त्री को ही दोषी मानते हैं। जहाँ भी देखिए स्त्रियों... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 410 Share Manju Singh 31 Jan 2024 · 1 min read काली हवा ( ये दिल्ली है मेरे यार...) धुँए की चिमनी में जीना या मर मर कर जीते रहने का ढोंग करना मजबूरी है हमारी। हवा में ये जहर घोला किसने? जीवन को सस्ता तोला किसने? सबका एक... Poetry Writing Challenge-2 1 334 Share Manju Singh 31 Jan 2024 · 2 min read वाल्मिकी का अन्याय सीता तो रही सदा ही उपेक्षित पातिव्रत, सतीत्व रहा सदा अपेक्षित महान शिव धनुष पर प्रत्यंचा चढ़ाई राम ने जय जयकार हुई, जानकी को पाया राम ने स्वयंवर के लिए... Poetry Writing Challenge-2 · सीता /कविता/ क्षत्राणी/वाल्मिक 2 368 Share Manju Singh 26 Jan 2024 · 1 min read सफर या रास्ता निकला था मैं सफर पर, मंज़िल तलाशता मंजिल सफर ही बन गया, मोहक है रास्ता इस राह में बचपन मिला, मासूमियत लिए यौवन के फूल भी खिले , सुगंध को... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 324 Share Manju Singh 26 Jan 2024 · 2 min read स्वतंत्र नारी जब से नारी कुछ स्वतन्त्र हो गई है लोगों की आँखों की किरकिरी हो गई है जिसे सदा चरणों की दासी माना जिसे बस सेवा, त्याग, ममता की मूर्ति ही... Poetry Writing Challenge-2 1 343 Share Manju Singh 26 Jan 2024 · 1 min read हमको बच्चा रहने दो। अक्कड़ बक्कड़ बम्बे बो अस्सी नब्बे पूरे सौ हमको बड़ा नहीं होना है हमको बच्चा रहने दो। खूब हँसे हम तो बिन बात मित्रों का न छूटे साथ मेरा तेरा... Poetry Writing Challenge-2 1 307 Share Manju Singh 25 Jan 2024 · 2 min read स्त्री न देवी है, न दासी है स्त्री न देवी है, न दासी है न प्रसन्नता की मूरत न उदासी है। न चंडी है, न काली न ममता की मूरत न ईश्वर की सूरत नारी केवल श्रद्धा... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 330 Share Manju Singh 25 Jan 2024 · 1 min read माँ तुम सचमुच माँ सी हो कभी जेठ की तप्त दोपहरी कभी शीतल बयार-सी हो क्रोध,प्रेम,चिंता,उर लाए माँ तुम सचमुच माँ सी हो। कभी सुदृढ हिमालय सी तो कभी कोमल गुलाब सी हो मेरे जीवन-गढ़ की... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 334 Share Manju Singh 25 Jan 2024 · 1 min read अरुणोदय यामिनी की कोख से प्रसव होने को है तैयार है दाई उषा खुल चुका है, गर्भ का द्वार बहने लगा है रक्तिम प्रकाश नवजात शिशु (अरुण) का मोहक गुलाबी तन... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 295 Share