Manju Singh Tag: कविता 7 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Manju Singh 5 Feb 2024 · 2 min read बचपन -- फिर से ??? ये हर दिन की मेहनत ये टेंशन ये ज़हमत मुझे क्यों बड़ा कर दिया मेरे राम नही है संभलते ये जीवन के काम। प्रभु सुन ले मेरी करुण ये पुकार... Poetry Writing Challenge-2 · Poem · कविता · बचपन/ पढ़ाई / खेल 1 136 Share Manju Singh 2 Feb 2024 · 1 min read आईने में ... आज उम्र के इस पड़ाव पर देखती हूँ जब भी आईना न जाने क्यों एक बूढ़ी स्त्री नज़र आती है कभी मुस्कुराती व कभी धीरज सा बँधाती है। कभी मुख... Poetry Writing Challenge-2 · Poem · कविता 1 138 Share Manju Singh 31 Jan 2024 · 3 min read बेचारा प्रताड़ित पुरुष आज इक्कीसवीं शती में भी एक बड़ी जनसंख्या (जिसमें बहुसंख्य पुरुषों के साथ महिलाएँ भी सम्मिलित हैं) बलात्कार की शिकार स्त्री को ही दोषी मानते हैं। जहाँ भी देखिए स्त्रियों... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 164 Share Manju Singh 26 Jan 2024 · 1 min read सफर या रास्ता निकला था मैं सफर पर, मंज़िल तलाशता मंजिल सफर ही बन गया, मोहक है रास्ता इस राह में बचपन मिला, मासूमियत लिए यौवन के फूल भी खिले , सुगंध को... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 143 Share Manju Singh 25 Jan 2024 · 2 min read स्त्री न देवी है, न दासी है स्त्री न देवी है, न दासी है न प्रसन्नता की मूरत न उदासी है। न चंडी है, न काली न ममता की मूरत न ईश्वर की सूरत नारी केवल श्रद्धा... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 88 Share Manju Singh 25 Jan 2024 · 1 min read माँ तुम सचमुच माँ सी हो कभी जेठ की तप्त दोपहरी कभी शीतल बयार-सी हो क्रोध,प्रेम,चिंता,उर लाए माँ तुम सचमुच माँ सी हो। कभी सुदृढ हिमालय सी तो कभी कोमल गुलाब सी हो मेरे जीवन-गढ़ की... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 146 Share Manju Singh 25 Jan 2024 · 1 min read अरुणोदय यामिनी की कोख से प्रसव होने को है तैयार है दाई उषा खुल चुका है, गर्भ का द्वार बहने लगा है रक्तिम प्रकाश नवजात शिशु (अरुण) का मोहक गुलाबी तन... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 156 Share