MANJEET SINGH Tag: कविता 19 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid MANJEET SINGH 6 Oct 2022 · 1 min read एक रोटी एक रोटी एक रोटी जो कल शाम की रोटीदान में रखी थी जो गली से कुत्ता आया रोटीदान को तोड़ रोटी उठा ले गया अब इंतजार है रोटी कहां से... Hindi · कविता 179 Share MANJEET SINGH 3 Aug 2022 · 1 min read प्रगति का रस्ता प्रगति का रस्ता। मैं कभी नहीं मुड़ूंगा पीछे हमेशा चलता रहूंगा अपने पथ पर बिना किसी परवाह किए मैं अपने सभी गम को भुलाते हुए भूख प्यास को भुलाते हुए... Hindi · कविता 242 Share MANJEET SINGH 19 May 2022 · 1 min read Poem बोल गांम के सांची सांची कहदूं के मुंह पे सबके कहदूं के पनघट पे बाल्टी धर दूं के उस पे नेज्जू जड़ दयूं के सुत्ता कुआं जगा दयूं के पैहंडा,बिलोनी,झाकरी... Hindi · कविता 282 Share MANJEET SINGH 23 Apr 2022 · 1 min read आज का वक्त आज का वक्त मुझे ध्यान है वह वक्त भी जब दादा दादी के संग खेला करते थे मुझे ध्यान है वह वक्त जब हमझोलीयों के साथ खेला करते थे ध्यान... Hindi · कविता 270 Share MANJEET SINGH 28 Mar 2022 · 2 min read कुरुक्षेत्र काव्य गोष्ठी 26/03/2022 प्रैस नोट: ----------------संगदिल वो पानियों की धार से वाकिफ़ नहीं/ किस तरह दिल में रहेगा प्यार से वाकिफ़ नहीं ... डॉ.ग्रेवाल संस्थान द्वारा काव्य-गोष्ठी का आयोजन... दो दर्जन कवियों ने... Hindi · कविता 177 Share MANJEET SINGH 25 Mar 2022 · 1 min read नज़्म नज़्म कोई जरूरी तो नहीं कहा जाए, पर आंखों में आंसू सजाया जाए। तू गिला हूं मैं क्यूं पींऊ, जाम तो आंखों से पिलाया जाए। मेरे दिल में झील दरिया... Hindi · कविता 179 Share MANJEET SINGH 21 Mar 2022 · 1 min read सुरक्षा पर कविता सुरक्षा के नारे सुरक्षा के बिना जीवन कैसा, खुली हवा में दीपक जैसा । कार्य चाहे कहीं करें पालन करे निर्देश, काली का मंत्र है यह सुरक्षा का संदेश ।... Hindi · कविता 3 4k Share MANJEET SINGH 15 Mar 2022 · 1 min read जलियांवाला बाग जलियांवाला बाग हिंदुस्तान के लिए आज का दिन बहुत खास माना जाता है आज के दिन जलियांवाला बाग में अंग्रेजों के साथ हिंदुस्तानियों की जीत हुई थी और अजीत को... Hindi · कविता 450 Share MANJEET SINGH 3 Mar 2022 · 1 min read विज्ञान विज्ञान विज्ञान में हमें जीना सिखाया विज्ञान में हमें आगे बढ़ना सिखाया विज्ञान जर्रे जर्रे में बसी है पेड़ पौधे और इंसान में भी बची है विज्ञान में ही आविष्कार... Hindi · कविता 420 Share MANJEET SINGH 19 Feb 2022 · 1 min read हरियाणवी भाषा दिवस मातृभाषा भाषा दिवस हरियाणवी लोकगीत हरियाणवी भाषा आज बोल बोला है, हर आदमी बोल नहीं सकता इस बोली को। इतिहास इसका बहुत प्राचीन है महाभारत काल, कौरव की मुख्य भाषा... Hindi · कविता 361 Share MANJEET SINGH 19 Feb 2022 · 1 min read गजब ढा गया गजब ढा गया तेरा मुस्कुराना तेरा तिरछा देखना तेरा चलना तेरी नशीली आंखों का जादू पतली कमर का जादू तेरे बालों का लहराना नागिन जैसी चोटी हिरनी सी चाल गदराया... Hindi · कविता 664 Share MANJEET SINGH 22 Jan 2022 · 1 min read नज़्म नज़्म मेरा इक़ामत छोटा ही सही, मुझे रहने की इस्तिजारत नहीं, न मुझको इक़ामत इस्तहाके में है मेरा पूरी इफ़ाजत है सही। मैं कभी भी अफसुर्दगी समझता ना कोई मेरे... Hindi · कविता 313 Share MANJEET SINGH 21 Jan 2022 · 38 min read सच चुभै है (हरियाणवी काव्य संग्रह) काव्य संग्रह - सच चुभै सै खान मनजीत भावड़िया मजीद भीतर की बात रचनाकार का मन सबका मन होवे सै खुद तै हट कै पूरी दुनिया में घट रही घटनाओं... Hindi · कविता 1k Share MANJEET SINGH 21 Jan 2022 · 2 min read गांव की औरतें व, मजदूर वर्ग और आर्थिक वर्ग गांव की औरतें गाँव की औरतें घड़े को सिर पर उठाकर, हँसते हुए - घर में हँसी - ठिठोली करते हुए, अगर थोड़ा भी पास से, उनका कुआं हो सकता... Hindi · कविता 269 Share MANJEET SINGH 21 Jan 2022 · 1 min read सोच विचार सोच विचार समझ मैं नहीं आता लोगों के कैसे विचार और कुछ है इन विचारों में पूरी दुनिया समाई हुई है लेकिन इस संसार में अलग-अलग चेहरे हैं अलग अलग... Hindi · कविता 600 Share MANJEET SINGH 21 Jan 2022 · 2 min read आजकल आजकल आजकल सभी जगह मुझे इंसान दिखाई नहीं देते यह पता नहीं क्यों इसके पीछे क्या हाथ है वही हवस के शिकारी लड़कियों के पीछे भागते रहते हैं जैसे इन्होंने... Hindi · कविता 417 Share MANJEET SINGH 14 Jan 2022 · 1 min read पोंगल पोंगल पोंगल का त्योहार आया सबके मन में खुशियां लाया तमिलनाडू का तलवार है पोंगल बैल की दौड़ और नाव की दौड़ आगे बढ़ने मैं रहती सदा हौड़ फसल कटाई... Hindi · कविता 425 Share MANJEET SINGH 13 Jan 2022 · 1 min read मकर संक्रांति मकर संक्रांति पर कुछ मीठा मकर सक्रांति का त्यौहार आया सबके मन में खुशियां लाया घर घर बांटी मिठाई दुख दर्द सारे भूल गए प्यार की परिभाषा आज मीठा खाकर... Hindi · कविता 271 Share MANJEET SINGH 11 Jan 2022 · 2 min read मां की ममता मां की ममता मेरी मां तब मुझे क्रोध करती फिर भी क्राध्ेा में ममता छलकती फिर उपर नीचे मैंने पटकती कहे तू खूब पढ़ा कर मैं तो ना पढण पाइ्र... Hindi · कविता 525 Share