Language: Hindi
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आजमाती है ज़िन्दगी तो, इम्तिहान कड़े होते हैं।
Manisha Manjari
धवल बर्फ की झीनी चादर पर
Manisha Manjari
कुछ कदम मैं चलूँ, कुछ दूरियां तुम मिटा देना,
Manisha Manjari
सोचा नहीं था एक दिन , तू यूँ हीं हमें छोड़ जाएगा।
Manisha Manjari
वर्षभर की प्रतीक्षा उपरान्त, दीपावली जब आती है,
Manisha Manjari
लाखों दीयों की रौशनी फैली है।
Manisha Manjari
कहते हैं लड़कों की विदाई नहीं होती .
Manisha Manjari
क़दमों को जिसने चलना सिखाया, उसे अग्नि जो ग्रास बना गया।
Manisha Manjari
आकांक्षाएं और नियति
Manisha Manjari
एक सूरज अस्त हो रहा है, उस सुदूर क्षितिज की बाहों में,
Manisha Manjari
आसमां से गिरते सितारे का एक लम्हा मैंने भी चुराया है।
Manisha Manjari
जो गूंजती थी हर पल कानों में, आवाजें वो अब आती नहीं,
Manisha Manjari
एक बिखरा ख़्वाब हूँ मैं, तू नींदों में दीदार ना कर,
Manisha Manjari
यादों के बीज बिखेर कर, यूँ तेरा बिन कहे जाना,
Manisha Manjari
जीवन चलचित्र के किरदार कई सारे,
Manisha Manjari
कभी हसरतें थी कि, तेरे शहर में मेरा मकां होगा
Manisha Manjari
लौट कर आने की अब होगी बात नहीं।
Manisha Manjari
उलझता रहता है हर कोई यहां इश्क़ की चाहतों में।
Manisha Manjari
उदासीनता के शिखर श्रेष्ठ ने, यूँ हीं तो नहीं अपनाया है।
Manisha Manjari
इन राहों में सफर करते है, यादों के शिकारे।
Manisha Manjari
ये वादियों में महकती धुंध, जब साँसों को सहलाती है।
Manisha Manjari
यूँ तो बुलाया कई बार तूने।
Manisha Manjari
इच्छाओं से दूर खारे पानी की तलहटी में समाना है मुझे।
Manisha Manjari
फैला था कभी आँचल, दुआओं की आस में ,
Manisha Manjari
जब विस्मृति छा जाती है, शाश्वतता नजर कहाँ आती है।
Manisha Manjari
संदली सी सांझ में, ज़हन सफ़ेद-कागज़ के नाव बनाये।
Manisha Manjari
हर तरफ़ घना अँधेरा है।
Manisha Manjari
'अस्त्तित्व मेरा हिन्दुस्तानी है'
Manisha Manjari
मेरे दर तक तूफां को जो आना था।
Manisha Manjari
गुम हो जाते हैं साथ चलने वाले, क़दम भी कुछ ऐसे।
Manisha Manjari
फिर लौट आयीं हैं वो आंधियां, जिसने घर उजाड़ा था।
Manisha Manjari
ठहरना मुझको आता नहीं, बहाव साथ ले जाता नहीं।
Manisha Manjari
हर दिन एक नई दुनिया का, दीदार होता यहां।
Manisha Manjari
वैराग्य ने बाहों में अपनी मेरे लिए, दुनिया एक नयी सजाई थी।
Manisha Manjari
जिन नयनों में हों दर्द के साये, उसे बदरा सावन के कैसे भाये।
Manisha Manjari
एक अधूरी सी दास्तान मिलेगी, जिसकी अनकही में तुम खो जाओगे।
Manisha Manjari
कभी तो ये शाम, कुछ यूँ गुनगुनाये, कि उसे पता हो, इस बार वो शब् से मिल पाए।
Manisha Manjari
ख़्वाहिशों को कहाँ मिलता, कोई मुक़म्मल ठिकाना है।
Manisha Manjari
नजरें खुद की, जो अक्स से अपने टकराती हैं।
Manisha Manjari
बदरा को अब दोष ना देना, बड़ी देर से बारिश छाई है।
Manisha Manjari
ज्वलंत संवेदनाओं से सींची धरातल, नवकोपलों को अस्वीकारती है।
Manisha Manjari
नशा रहता है इस दर्द का।
Manisha Manjari
किसने कहा, आसान था हमारे 'हम' से 'तेरा' और 'मेरा' हो जाना
Manisha Manjari
कठिनताओं की आवाजाही हीं तो, जीवन को लक्ष्य से मिलवाती है।
Manisha Manjari
खामोशियों की वफ़ाओं ने मुझे, गहराई में खुद से उतारा है।
Manisha Manjari
ये शिकवे भी तो, मुक़द्दर वाले हीं कर पाते हैं,
Manisha Manjari
सर्द आसमां में दिखती हैं, अधूरे चाँद की अंगड़ाईयाँ
Manisha Manjari
ठोकरें आज भी मुझे खुद ढूंढ लेती हैं
Manisha Manjari
सिसकियाँ जो स्याह कमरों को रुलाती हैं
Manisha Manjari
बहने दो निःशब्दिता की नदी में, समंदर शोर का मुझे भाता नहीं है
Manisha Manjari