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स्वार्थ चाहे किसी भी प्रकार का हो, हमेशा दुखदाई होता है। अतः
स्वार्थ चाहे किसी भी प्रकार का हो, हमेशा दुखदाई होता है। अतः
गौ नंदिनी डॉ विमला महरिया मौज
प्रकृति का अंग होने के कारण, सर्वदा प्रकृति के साथ चलें!
प्रकृति का अंग होने के कारण, सर्वदा प्रकृति के साथ चलें!
गौ नंदिनी डॉ विमला महरिया मौज
अवसरवादी होना द्विअर्थी है! सन्मार्ग पर चलते हुए अवसर का लाभ
अवसरवादी होना द्विअर्थी है! सन्मार्ग पर चलते हुए अवसर का लाभ
गौ नंदिनी डॉ विमला महरिया मौज
परनिंदा या चुगलखोरी अथवा पीठ पीछे नकारात्मक टिप्पणी किसी भी
परनिंदा या चुगलखोरी अथवा पीठ पीछे नकारात्मक टिप्पणी किसी भी
गौ नंदिनी डॉ विमला महरिया मौज
सबके लिए मददगार बनें परंतु मददगार बनकर किसी को भी नुकसान न प
सबके लिए मददगार बनें परंतु मददगार बनकर किसी को भी नुकसान न प
गौ नंदिनी डॉ विमला महरिया मौज
न्यायप्रिय होना अनिवार्य है क्योंकि जो न्यायप्रिय है,वही कुद
न्यायप्रिय होना अनिवार्य है क्योंकि जो न्यायप्रिय है,वही कुद
गौ नंदिनी डॉ विमला महरिया मौज
वही व्यक्ति आपका मित्र है जो आपकी भावनाओं की कद्र करे और आपक
वही व्यक्ति आपका मित्र है जो आपकी भावनाओं की कद्र करे और आपक
गौ नंदिनी डॉ विमला महरिया मौज
अपमानित होकर भी आप, मुस्कुराते हुए सम्मानित करते हैं;आप सचमु
अपमानित होकर भी आप, मुस्कुराते हुए सम्मानित करते हैं;आप सचमु
गौ नंदिनी डॉ विमला महरिया मौज
मूर्खों दुष्टों और दुश्मनों को तवज्जो देंगे तो अपना आत्मसम्म
मूर्खों दुष्टों और दुश्मनों को तवज्जो देंगे तो अपना आत्मसम्म
गौ नंदिनी डॉ विमला महरिया मौज
झील
झील
गौ नंदिनी डॉ विमला महरिया मौज
महाराणा प्रताप
महाराणा प्रताप
गौ नंदिनी डॉ विमला महरिया मौज
नया साल
नया साल
गौ नंदिनी डॉ विमला महरिया मौज
स्वागत !
स्वागत !
गौ नंदिनी डॉ विमला महरिया मौज
नए साल तुम ऐसे आओ!
नए साल तुम ऐसे आओ!
गौ नंदिनी डॉ विमला महरिया मौज
अनुभूत सत्य .....
अनुभूत सत्य .....
गौ नंदिनी डॉ विमला महरिया मौज
देश काल और परिस्थितियों के अनुसार पाखंडियों ने अनेक रूप धारण
देश काल और परिस्थितियों के अनुसार पाखंडियों ने अनेक रूप धारण
गौ नंदिनी डॉ विमला महरिया मौज
उगते विचार.........
उगते विचार.........
गौ नंदिनी डॉ विमला महरिया मौज
कुछ उत्तम विचार.............
कुछ उत्तम विचार.............
गौ नंदिनी डॉ विमला महरिया मौज
अगर आप में व्यर्थ का अहंकार है परन्तु इंसानियत नहीं है; तो म
अगर आप में व्यर्थ का अहंकार है परन्तु इंसानियत नहीं है; तो म
गौ नंदिनी डॉ विमला महरिया मौज
प्रकृति को त्यागकर, खंडहरों में खो गए!
प्रकृति को त्यागकर, खंडहरों में खो गए!
गौ नंदिनी डॉ विमला महरिया मौज
कुछ नहीं.......!
कुछ नहीं.......!
गौ नंदिनी डॉ विमला महरिया मौज
ग़ज़ल
ग़ज़ल
गौ नंदिनी डॉ विमला महरिया मौज
होचपोच संसार
होचपोच संसार
गौ नंदिनी डॉ विमला महरिया मौज
उम्मीद
उम्मीद
गौ नंदिनी डॉ विमला महरिया मौज
मिले मित्र
मिले मित्र
गौ नंदिनी डॉ विमला महरिया मौज
युग बोध करो
युग बोध करो
गौ नंदिनी डॉ विमला महरिया मौज
होली मुबारक हो
होली मुबारक हो
गौ नंदिनी डॉ विमला महरिया मौज
सांस
सांस
गौ नंदिनी डॉ विमला महरिया मौज
मत बांटो इंसान को
मत बांटो इंसान को
गौ नंदिनी डॉ विमला महरिया मौज
तारनहारा आए
तारनहारा आए
गौ नंदिनी डॉ विमला महरिया मौज
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