प्रेमदास वसु सुरेखा Tag: कविता 21 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid प्रेमदास वसु सुरेखा 1 May 2024 · 1 min read संवेग बने मरणासन्न अभिव्यक्ति के समुद्र में, मौत का सफर चल रहा है प्यार, मोहब्बत, इंसानियत का, खात्मा चल रहा है जी लो जिंदगी का सफर, हमें कब चले जाना है संवेदनाएं खत्म... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता · कविता · प्रेमदास वसु सुरेखा · संवेग बने मरणासन्न · संवेदनाएं खत्म 1 94 Share प्रेमदास वसु सुरेखा 1 Jun 2023 · 1 min read फिर आयेंगे दोस्तों जाना इस दुनिया से सबको हम भी जाएंगे काल यार और प्यार की यादें बस छोड़कर जाएंगे पता नहीं ये जीवन का अब कहां खेल कर जाएंगे खुम्मारी का लोटा... Hindi · कविता · जीवन यायावरी · फिर आयेंगे दोस्तों 1 153 Share प्रेमदास वसु सुरेखा 1 Jun 2023 · 1 min read सद्गुरु कबीर सदगुरु कबीर शीर्षक किस आंचल में जन्म लिए तुम ,कोई पता नहीं पाया लालन पालन हुआ जहां पर, पर्णकुटी की थी छाया शब्ददिश लाचार रहे तुम, दुनिया की नजरों में... Hindi · कविता · महात्मा कबीर · शानदार अभिव्यक्ति 1 239 Share प्रेमदास वसु सुरेखा 1 Jun 2023 · 2 min read वीर की शोभा वीर की शोभा नहीं वीर की बातें वीर की शोभा नहीं वीर की बातें वीर की शोभा नहीं वीर की बातें धरती जलती अग्नि जलती जलता पूरा गगन धरती जलती... Hindi · कविता · पुरस्कार · वीरता 1 294 Share प्रेमदास वसु सुरेखा 31 May 2023 · 1 min read मैं अपवाद कवि अभी जीवित हूं मैं अपवाद कवि अभी जीवित हूं मानवता नहीं मरने दूं सच आंखों की पट्टी से खुमारी का रूप उतारू मैं जनता कवि अभी जीवित हूं जन-जन की मैं बात करूं... Hindi · अपवाद कवि · कविता · मानवीय कवि 1 328 Share प्रेमदास वसु सुरेखा 31 May 2023 · 2 min read पर हिम्मत कभी हारी नही -------पर हिम्मत कभी हारी नहीं------ ___________________________________________ मैं थक चुका हूं टूट चुका हूं पर हिम्मत कभी हारी नहीं है कौन जगत में किसका यह सब एक धोखा है कर्म पथ... Hindi · कविता · पर हिम्मत · शानदार 1 191 Share प्रेमदास वसु सुरेखा 31 May 2023 · 1 min read चलो सच को गले लगाते हैं चलो सच को गले लगाते हैं। सत्य जब डर कर बैठ गया हो कहां सहारा पाएंगे आंखों के अश्रु को भी हम गंगाजल ही बनाएंगे न्याय नहीं मिलता जब यारो... Hindi · कविता · तानाशाही · सच को गले लगाते हैं 2 257 Share प्रेमदास वसु सुरेखा 24 May 2023 · 1 min read वसुत्व जिन्दा है जिसका वसुत्व जिन्दा है वही जिन्दा रहता है । प्रकृति और पुरुष का जोड़ा जीवन का सच्चा होता है। आक्षेपो की दुनिया में कौन किसका होता है। कितने भी लांछन... Hindi · कविता · वसुत्व जिन्दा · सच्चाई 1 158 Share प्रेमदास वसु सुरेखा 24 May 2023 · 1 min read पति परमेश्वर हम कैसे हैं भक्त बने यह अब समझ में आया है भांग धतूरा खाने वाला सच्चा भक्त बन आया है जिसके ऊपर गंगाधारण वह शिव भक्त कहलाया है अब तो... Hindi · कविता · पति पत्नी · परमेश्वर 1 216 Share प्रेमदास वसु सुरेखा 24 May 2023 · 1 min read एकलव्य बनना होगा घात प्रतिघात कि इस दुनिया में अपने आप को स्थापित करने के लिए तुम्हें लड़ना होगा लड़कर ही तुम्हें स्थापित करना होगा तुम्हें धोखे से अर्जुन नहीं एकलव्य बनना होगा... Hindi · एकलव्य · कविता 2 178 Share प्रेमदास वसु सुरेखा 17 May 2023 · 1 min read किसको समझाएं क्यों समझाएं **किसको समझाएं क्यों समझाएं** कब तक आवाज दबाओगे वह दबती नहीं उठती है। जब मर्यादा गायब हो एक रूप रह जाता है शासन तंत्र की गुलामी ही बस उसका स्वरूप... Poetry Writing Challenge · कविता · किसको समझाएं · क्यों समझाएं 1 126 Share प्रेमदास वसु सुरेखा 17 May 2023 · 1 min read कब तक दिवस मनाओगे यूं ही दिवस मनाने वालों कब तक दिवस मना ओगे मानवता की हदें पार की प्रियंका रेड्डी और मारती यूं ही दिवस मनाने वालों कब तक दिवस मनाओगी .... हिंदुत्व... Poetry Writing Challenge · कविता · दिवस विशेष · सपना 1 204 Share प्रेमदास वसु सुरेखा 17 May 2023 · 1 min read मैं अपनी मर्जी का वीरा ##मै अपनी मर्जी का वीरा.... चापलूसी के वेश में बहरुपिया राष्ट्र निर्माता है होशियारी के भेष मे बहरुपिया भाग्य विधाता है बोली में दम नहीं है जी त्रिकालमुखी यही है... Poetry Writing Challenge · कविता · बहरूपिया · मर्जी का वीरा 1 119 Share प्रेमदास वसु सुरेखा 16 May 2023 · 1 min read सांझा घटाव ***** सांझा घटाव यायावर में ****** (( बंटवारा विषय पर कुछ कविता के अंश )) जब भर जाती है मध्य भावना जीवन के उल्लास में कटु वचनों की दग्ध भावना... Poetry Writing Challenge · आमतौर · कविता · पसंदीदा 1 94 Share प्रेमदास वसु सुरेखा 16 May 2023 · 1 min read फिर आयेंगे दोस्तों फिर आयेगे दोस्तो जाना इस दुनिया से ,सबको हम भी जाएंगे काल यार,और प्यार की यादें छोड़ के जाएंगे पता नहीं ये जीवन का अब कहां खेल के जायेंगे खुम्मारी... Poetry Writing Challenge · आयेंगे लायेंगे · कविता · फिर मानवता 1 142 Share प्रेमदास वसु सुरेखा 16 May 2023 · 1 min read जल्लाद जल्लाद हैवान बनें हैवानियत की सजा केवल एक हैं जल्लाद सा पहले है नोचे फिर लटकाए चौको पै और जो उन के हितैषी. साथ मे उन को हो फांसी यही... Poetry Writing Challenge · कविता · जल्लाद · हारना 1 82 Share प्रेमदास वसु सुरेखा 16 May 2023 · 1 min read ऊंचों का सा नाम ऊँचो का सा नाम आज हरामि बनना यारों ऊँचो का सा नाम है पहले झूठी मूठी फेंको फिर अपना ही राग है राम नाम का नाम है लेकर ये कुकर्मी... Poetry Writing Challenge · कविता · कुपात्र · हरामि 1 172 Share प्रेमदास वसु सुरेखा 16 May 2023 · 1 min read विश्वास ही गायब विश्वास ही गायब लोग कहे मै जंगल राजा वो जंगल अब नहीं रहे लोत को अब तो डूब गए वह युवा गांधी नहीं रहे शासन तंत्र की धूरी अब तो... Poetry Writing Challenge · कविता · मौत का सौदा · विश्वास 1 87 Share प्रेमदास वसु सुरेखा 16 May 2023 · 1 min read जमाना था भाई नेक M.A वाले बालक ने जब तलवे तलना सीखा था M.Tech वाले बच्चे ने टेक्नीक लगाना सीखा था M.com वाले बालक ने जोड़-तोड़ सिखाया था M.sc वाले बालक तो आत्महत्या करके... Poetry Writing Challenge · आनलाइन यूनिवर्सिटी · कविता · ज़माना 1 179 Share प्रेमदास वसु सुरेखा 29 Jun 2021 · 1 min read ये कैसा बेटा हिन्दुस्तानी ये कैसा बेटा हिंदुस्तानी ??? सात कपूत भारत माता के सातों बड़े निकम्मे असत्य गिरी से राज मिला बाकी रह गए छक्के छह कपूत भारत माता के छवे चतुर सुजान... Hindi · कविता 1 487 Share प्रेमदास वसु सुरेखा 27 Aug 2017 · 1 min read मानवता सरेआम हुई कविता Hindi · कविता 1 455 Share