भूरचन्द जयपाल Tag: मुक्तक 218 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid भूरचन्द जयपाल 15 May 2021 · 1 min read सूखी डाली है सूखी डाली है उस पर भी हरियाली है बाहर-टूटे हो तोभी अंदर -बलिहारी है बाहर नहीं जीवटता तो तुम्हारे अंदर है जी-कर देखो जीवन फिर हरियाली है।। ?मधुप बैरागी Hindi · मुक्तक 1 1 550 Share भूरचन्द जयपाल 10 Apr 2021 · 1 min read तुम मुझे याद करती हो तुम मुझे याद करती हो मुझे पता है दिल-फ़रियाद करती हो मुझे पता है रूह तड़फती है तेरी मेरे लिए माशूक जी-मरती-मर-जीती हो मुझे पता है।। ?मधुप बैरागी Hindi · मुक्तक 1 536 Share भूरचन्द जयपाल 4 Apr 2021 · 1 min read तोड़ता अपनों को वो भला हो सकता है ? अपनों से बुरा भला कौन हो सकता है अपनों से भला बुरा कौन हो सकता है वो कौनसी ताक़त अपनो से जोड़ती है तोड़ता अपनों को वो भला हो सकता... Hindi · मुक्तक 1 525 Share भूरचन्द जयपाल 28 Feb 2021 · 1 min read आपको हमनें दिल में टैग कर रखा है आपको हमनें दिल में टैग कर रखा है आपको हमनें दिल से टैग कर रखा है हमेशा मुस्कुराता चेहरा देखूं आपका आपने हमें अपने दिलकैद कर रखा है।। ?मधुप बैरागी Hindi · मुक्तक 1 294 Share भूरचन्द जयपाल 24 Sep 2020 · 1 min read ये बेचारी ग़म दुनियाँ दुनियाँ चेलैंज देती है हमको और हम दुनियाँ जाने ना अब हमें, तो है ये बेचारी ग़म दुनियाँ दुनियाँ निकालेगी चाहेगी गिन- गिन कमियाँ मिल भी जाये तो क्या है... Hindi · मुक्तक 2 312 Share भूरचन्द जयपाल 16 Sep 2020 · 1 min read दुनियाँ को जाने दो अब यारों यूं दोस्त हमसे रूठा नहीं करते यूं दोस्त दर्द छुपाया नहीं करते दुनियाँ को जाने दो अब यारों यूं यारों से दर्द बयां नहीं करते ।। मधुप बैरागी Hindi · मुक्तक 1 308 Share भूरचन्द जयपाल 30 Jul 2020 · 1 min read वो भूलकर भी फिर भूल करते हैं कल तल जो लोग झुककर सलाम करते थे हमको वो आज सोचते , हाशिये पर धकेल दिया है हमको वो भूलकर भी फिर भूल करते हैं धूल करते हैं ख़ुद... Hindi · मुक्तक 1 2 524 Share भूरचन्द जयपाल 30 Jul 2020 · 1 min read क़त्लकर देर ना कर क़ातिल क़त्लकर देर ना कर सुबह -ए- शाम महर ना कर क़हर बरपाना है तो जल्दी-२ क़त्ल हुए को तो क़त्ल ना कर ।। ?मधुप बैरागी Hindi · मुक्तक 2 2 466 Share भूरचन्द जयपाल 25 May 2020 · 1 min read लोग जले तो जले दिल लगाया है आप से हमने अब कहां ढूंढ़े दूजा ठिकाना लोग जले तो जले अपनी बला से छोड़ा जाय ना बेवजह मुस्कुराना।। ?मधुप बैरागी Hindi · मुक्तक 1 291 Share भूरचन्द जयपाल 23 May 2020 · 1 min read अन्तस् पीड़ा अन्तस् पीड़ा अब बखान कर दीजिए अजीज हो विश्वश्त तो कह दीजिए घुटन सहने से अच्छा है कहना जनाब लीजिए ना दिल पर मरहम कीजिए ।। ? मधुप बैरागी Hindi · मुक्तक 1 521 Share भूरचन्द जयपाल 2 Feb 2020 · 1 min read मुहब्बत मुहब्बत दोस्तों का ईमान होती है मुहब्बत ही दोस्तों की जान होती है परवाह दुनियां की किसको है अब जब मुहब्बत में रजा रब की होती है ।। ?मधुप बैरागी Hindi · मुक्तक 2 1 383 Share भूरचन्द जयपाल 23 Jan 2020 · 1 min read ये दिल अज़ब- गज़ब इस अजब मुस्कुराहट पे तो ये दिल वारा है कौन जाने अब फिर भी ये दिल कुं -वारा है नाज़ - नख़रे भी तुम्हारे कितने अजब हैं शायद ये दिल... Hindi · मुक्तक 2 447 Share भूरचन्द जयपाल 23 Jan 2020 · 1 min read तीर चल गया सन्नन सा आँखों से तीर चल गया ना जाने किसका सितारा ढल गया सौख नजरों से बच के निकल जाना अब ना जाने दिन किसका ढल गया ।। ?मधुप बैरागी Hindi · मुक्तक 2 488 Share भूरचन्द जयपाल 23 Jan 2020 · 1 min read जिंदगी क्या है जिंदगी क्या है , मौत क्या है , मुफ्त दवा है मुफ्त सलाह है,बस जीने की मुफ्त सलाह है साथ जिंदगी निभाती है कब तलक दवा है मौत-विश्राम है जिंदगी... Hindi · मुक्तक 2 478 Share भूरचन्द जयपाल 20 Jan 2020 · 1 min read सुबह आनेवाली रोशनी की घड़ी है सब्र कर ये तेरे इम्तिहान की घड़ी है रात अब इंतज़ार की दो चार घड़ी है तारिक-ए-रात रोशनाई सी है छायी सुबह आनेवाली रोशनी की घड़ी है।। मधुप बैरागी Hindi · मुक्तक 1 1 447 Share भूरचन्द जयपाल 20 Jan 2020 · 1 min read शायद इंसानियत फिर से कहीं खो गयी है बस्तियां दिल की वीरां हो गयी है प्यार की दुनियां कहीँ खो गयी है आ जाओ बसेरा कर लो इसमें अपन्स शायद इंसानियत फिर से कहीं खो गयी है।। मधुप... Hindi · मुक्तक 2 1 464 Share भूरचन्द जयपाल 14 Nov 2019 · 1 min read मैंने कहा-नी अब समंदर भी कैसे कहे तुमसे अपनी वो कहानी ना भर सकता है सागर अब अपनी आँखों में पानी ना कह सकता अपनी कहानी वो यूं अपनी जुबानी छुपा लो... Hindi · मुक्तक 1 533 Share भूरचन्द जयपाल 21 Oct 2019 · 1 min read आँखों में आञ्जलों गर आँखों में आञ्जलों तुम बना ख्वाब गर ख्वाब में भी काँटों-गुलाब हो ख़्वाब खोल दे स्वप्न-राज क्या पाओगे सम्भाल खुली क़िताब रख दें रखें जो राज ख्वाब।। ? मधुप... Hindi · मुक्तक 337 Share भूरचन्द जयपाल 12 Oct 2019 · 1 min read आँखों में खुमार आँखों में खुमार या प्यार है दिल में जज्बात यार प्यार है कहो है कौन-सी सरहद यार दिलआईना दिलपार यार है।। मधुप बैरागी Hindi · मुक्तक 2 365 Share भूरचन्द जयपाल 16 Aug 2019 · 1 min read अरे आईने हमसे नफ़रत कर अरे आईने हमसे नफ़रत कर मगर दिल से कर अपना तो रोज देखते है चेहरा अब अपना दिखा चल ।। मधुप बैरागी इतनी ख़ामोशी और दिल में हलचल है ख़ामोश... Hindi · मुक्तक 472 Share भूरचन्द जयपाल 8 Aug 2019 · 1 min read जबसे हम तुम्हारे दिल के फ्रेम में कैद हुए जबसे हम तुम्हारे दिल के फ्रेम में कैद हुए हैं ना मालूम दिल - आईने में कितने भेद हुए हैं तड़प-तड़प रह गया हैं दिल आबोहवा वास्ते मिलते नहीं बाहर... Hindi · मुक्तक 1 630 Share भूरचन्द जयपाल 29 Jul 2019 · 1 min read वरना चिड़िया चुग जायेगी खेत झील - सी आंखों वाली उतरी दिल में क्यों गहरी अब आवाज़ भी सुनती नहीं दिल की क्या बहरी सहरी का अब वक्त हो गया है जागो सोनेवालों वरना चिड़िया... Hindi · मुक्तक 1 575 Share भूरचन्द जयपाल 27 Jul 2019 · 1 min read क्षर-क्षरणशील-मरणशील मानव-जीवन डर मत क्षर-क्षरणशील-मरणशील मानव-जीवन कर मत अपने को पर-कर अपना मानव -जीवन ढो मत ढोर-सा मानव-जीवन अब शर्मिंदा ना कर आकर-आकार -साकार कर अपना मानव-जीवन मधुप बैरागी Hindi · मुक्तक 1 305 Share भूरचन्द जयपाल 27 Jul 2019 · 1 min read सूरज की छवि सूरज की छवि कभी धूमिल कर पाया है कोई रवि-कवि-छवि कभी धूमिल कर पाया है कोई पृष्ठभूमि धूमिल हो पर आगत का स्वागत कर क्षर-गोचर-अगोचर- स्वागत कर पाया है कोई... Hindi · मुक्तक 1 437 Share भूरचन्द जयपाल 2 Mar 2019 · 1 min read राष्ट्रहित को आज कौन समझता है राष्ट्रहित को आज कौन समझता है जनहित को आज कौन समझता है सब मोहरे हैं बस मोहरे हैं किरदार दुश्मन-इकदूजे को कौन समझता है।। मधुप बैरागी Hindi · मुक्तक 1 229 Share भूरचन्द जयपाल 28 Feb 2019 · 1 min read हारना हमनें कभी नहीं है सीखा हारना हमनें कभी नहीं है सीखा यारों मौत भी हार जाती है मेरे दर पर यारों कौन समझेगा मुझे - मेरी मंजिल को दिनएक संसार छोड़ हम हंस देंगे यारों।।... Hindi · मुक्तक 1 317 Share भूरचन्द जयपाल 19 Feb 2019 · 1 min read यादों के समंदर भी यादों के समंदर भी कभी रीते रह जाते हैं नदिया कभी बिन सागर मिले रह जाते हैं कह पाते कहानी बने बिन-जुबानी अपनी रवानी-रवानी जवानी-कहानी रह जाते हैं।। मधुप बैरागी Hindi · मुक्तक 1 289 Share भूरचन्द जयपाल 19 Feb 2019 · 1 min read प्रथम चुम्बन तेरे प्यार की गुटरगूं और वो तेरा प्रथम चुम्बन वो गलबहियाँ तेरी और वो तेरा प्रथम चुम्बन रहरह कर याद आता वो तेरा-मेरा प्रेम-मिलन हाज़िर हैं हम ताज़ा कर-लो वो..प्रथम... Hindi · मुक्तक 1 288 Share भूरचन्द जयपाल 20 Jan 2019 · 1 min read मान-पत्र सम्मान-पत्र मान-पत्र सम्मान-पत्र बहुविध हासिल करते हम गौरव- गरिमा बनाने अपनी गर्व -सर्व करते हम नादानी है अपनी देखो पत्र- मान-पत्र हम समझे माँ को समझा ना महिमा गान-गुणगान करते हम।।... Hindi · मुक्तक 1 749 Share भूरचन्द जयपाल 21 Dec 2018 · 1 min read जिंदगी व्यापार बनती जा रही है जिंदगी व्यापार बनती जा रही है दोस्ती सौदागर बनती जा रही है मौत आते आते आ रही है निकट जिंदगानी विकट बनती जा रही है ।। मधुप बैरागी Hindi · मुक्तक 1 322 Share भूरचन्द जयपाल 20 Dec 2018 · 1 min read मुहब्बत है ये कोई साज़ नही ?जज़्बात जज़्बात जज़्बात है आवाज़ नहीं अल्फ़ाज अल्फ़ाज अल्फ़ाज है परवाज़ नहीं शुकुं मिलता है कब जहां में दिल-ए-नादान को मुहब्बत मुहब्बत मुहब्बत है ये कोई साज़ नही ।। मधुप... Hindi · मुक्तक 1 301 Share भूरचन्द जयपाल 16 Dec 2018 · 1 min read हम ख़ंजर नहीं रखते हम ख़ंजर नहीं रखते दिल पर कलम रखते हैं शब्द निकले दिल से तलवार- म्यान रखते हैं बयां ओर अल्फ़ाजे-वफ़ा क्या करे अब ज़नाब गुलशन-ए-दिल में मुकम्मल एक जहां रखते... Hindi · मुक्तक 1 266 Share भूरचन्द जयपाल 15 Dec 2018 · 1 min read अपने साथ छलावा कैसे करोगी सारा प्यार तुम्हारी आँखों में ही उतर आया तो इज़हार कैसे करोगी डरोगी मुझसे और मेरे ख्यालों से रात-रातभर तो प्यार कैसे करोगी मैंने जमी -आसमां एक कर दिया तुम्हारे... Hindi · मुक्तक 2 289 Share भूरचन्द जयपाल 13 Dec 2018 · 1 min read मोहब्बत-दीदे-दीदार ये क़ातिलाना नज़रें किसी गूजरी-सी दिल के आर-पार हो जाती है जैसे तीर-चीर-दिल दिलबर मोहब्बत-दीदे-दीदार हो जाती है।। मधुप बैरागी Hindi · मुक्तक 1 431 Share भूरचन्द जयपाल 13 Dec 2018 · 1 min read तेरा मुस्कुराना महज़ एक धोखा- सा था तेरा मुस्कुराना महज़ एक धोखा- सा था मैं प्यार समझ बैठा तुझपे जो भरोसा था नालायक दुनियां समझती चाहे मुझको यारां बस तूं ही तूं तो आंखों का एक झरोखा... Hindi · मुक्तक 1 339 Share भूरचन्द जयपाल 13 Dec 2018 · 1 min read जिंदादिली-ताउम्र नहीं होती दिल की कोई उम्र नहीं होती प्यार की कोई उम्र नहीं होती दहलीज़-उम्र-लांघ प्यार कर जिंदादिली-ताउम्र नहीं होती ।। मधुप बैरागी Hindi · मुक्तक 1 294 Share भूरचन्द जयपाल 30 Nov 2018 · 1 min read करूं तो विश्वास अब किस पर कैसे करूं इस दिल को छाले अपनो ही ने तो दिये जब-तब नमक भी उस पर छिड़क दिये करूं तो विश्वास अब किस पर कैसे करूं मरूं तो कैसे मरूं ज़ख्म बहुत... Hindi · मुक्तक 4 2 324 Share भूरचन्द जयपाल 14 Nov 2018 · 1 min read मोहब्बत--इबादत मजबूरी तो नहीं है चाहतें और मोहब्बतें एक-सी लगती हैं चाहत , मोहब्बत ही हो जरूरी नहीं है इश्क-इबादत हो, इबादत-इश्क ना हो मोहब्बत--इबादत मजबूरी तो नहीं है ।। मधुप बैरागी Hindi · मुक्तक 4 303 Share भूरचन्द जयपाल 28 Oct 2018 · 1 min read वक्त के साथ चेहरे बदल जाते हैं वक्त के साथ चेहरे बदल जाते हैं चेहरे- संग किरदार बदल जाते हैं विश्वास ना कर गैरों पर ऐ' मधुप ' वक्त के साथ अपने बदल जाते हैं।। मधुप बैरागी... Hindi · मुक्तक 4 1 332 Share भूरचन्द जयपाल 23 Sep 2018 · 1 min read जो दूसरों से नहीं हारता जो दूसरों से नहीं हारता वो अपनों से हार जाता है फिर वो इस पार से अनन्त उस पार चला जाता है ।। जीते तो गलहार हारे तो हार स्वीकार... Hindi · मुक्तक 2 1 440 Share भूरचन्द जयपाल 23 Sep 2018 · 1 min read ** दोस्ती का बीज ** दोस्ती का बीज जब अंकुरित होता है धीरे-धीरे दिल-पीर माफ़िक---बर्फ पिघलती है धीरे-धीरे कहते हैं दोस्त का दिल दरिया है प्यार-समुद्र है दुःखदर्द नदी बन मिलते है उसमें बस धीरे-धीरे।।... Hindi · मुक्तक 1 393 Share भूरचन्द जयपाल 19 Aug 2018 · 1 min read ** एक फूल ने डाल से गिरते फूल को देखा ** एक फूल ने डाल से गिरते फूल को देखा चला गया छला गया डाल-संसार से देखो भर आयी आंखे जिंदगी नहीं मौत अटल आज गया अटल कल हम जायेंगे न... Hindi · मुक्तक 1 385 Share भूरचन्द जयपाल 19 Aug 2018 · 1 min read * सफल जीवन मंगल ** सफल जीवन मंगल जन्मदिवस है बडे भाई साहब सु-मंगल दिवस है रहैं विघ्नों से दूर सर्वदिस हो मंगल वर्तमान सुस्वागत सु-जन्मदिवस है ।। ????????? Hindi · मुक्तक 1 217 Share भूरचन्द जयपाल 19 Aug 2018 · 1 min read ** मौत का अटल नियम है ** मौत का अटल नियम है वह टल नहीं सकती जिंदगी एक शटल कॉक है टिक नहीं सकती बिकती तो बहुत, वस्तुऐं बाज़ार में अफ़सोस मौत-अटल है जिंदगी बिक-टिक नहीं सकती।।... Hindi · मुक्तक 1 229 Share भूरचन्द जयपाल 15 Aug 2018 · 1 min read *देखो भईया ये आज़ादी कैसी लूट मची है* धर्म और जाति पर देखो कैसी लूट मची है आज भाई-भाई में देखो कैसी लूट मची है हर हराम का खाकर हलाल है जो कहता देखो भईया ये आज़ादी कैसी... Hindi · मुक्तक 1 273 Share भूरचन्द जयपाल 26 Jul 2018 · 1 min read उम्र क्या मायने रखती शुक्र है हमें इस क़ाबिल समझा आपने आप गुणीजन मित्र गुण समझाआपने उम्र क्या मायने रखती विचार - मिलन हम हृदय-आभारी जो समझा आपने ।। ?मधुप बैरागी Hindi · मुक्तक 1 208 Share भूरचन्द जयपाल 19 Jul 2018 · 1 min read *ऐ बेअदबों ये कैसी खुशीहै* किसी के जाने की ख़ुशी है किसी के आने की खुशी है आना-जाना दस्तूर दुनियां फिर क्यों अनजानी खुशी है बनते हैं जाने- अनजाने दोस्त- दुश्मन दुनियां में कितने आये... Hindi · मुक्तक 1 190 Share भूरचन्द जयपाल 15 Jun 2018 · 1 min read ** तक़दीर अपनी बनाओगे *** तबियत से किसी चीज को अपनी बनाओगे जिस्मों-जां जो कभी उनकी-अपनी बनाओगे उतर आयेगी तस्वीर उनकी आपकी आंखों में तस्वीर से जो उनकी तक़दीर अपनी बनाओगे । मधुप बैरागी Hindi · मुक्तक 1 553 Share भूरचन्द जयपाल 7 Jun 2018 · 1 min read लोगों की नुमाईश तुम टूटते दिलों की ख्वाहिस तुम दिल की धड़कनो की पैमाइस तुम मेरे ख्वाबों की हक़ीक़त हो तुम ना बनो लोगों की नुमाईश तुम ।। ?मधुप बैरागी Hindi · मुक्तक 1 419 Share भूरचन्द जयपाल 29 May 2018 · 1 min read ** एतबार ** ना उम्र का एतबार है ना जिंदगी का मौत का फ़लसफ़ा आहिस्ता आहिस्ता याद आ रहा है ।। तस्वीर पे एतबार करें या तक़दीर पर तस्वीरें रोज बदलती है तक़दीर... Hindi · मुक्तक 1 336 Share Page 1 Next