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प्यार का बंधन
मदन मोहन सक्सेना
अर्थ का अनर्थ (अब तो आ कान्हा जाओ)
मदन मोहन सक्सेना
ग़ज़ल (चलो हम भी बोले होली है तुम भी बोलो होली है )
मदन मोहन सक्सेना
भरोसा टूटने पर यार सब कुछ टूट जाता है
मदन मोहन सक्सेना
वक्त बक्त की बात (मेरे नौ शेर )
मदन मोहन सक्सेना
मुक्तक (जान)
मदन मोहन सक्सेना
अनोखा प्यार का बंधन
मदन मोहन सक्सेना
हम आप और हिंदी ( १४ सितम्बर )
मदन मोहन सक्सेना
मुक्तक(अमाबस की अंधेरी में ज्यों चाँद निकल आया है )
मदन मोहन सक्सेना
ग़ज़ल ( दिल की बातें)
मदन मोहन सक्सेना
ग़ज़ल (दोस्ती आती नहीं है रास अब बहुत ज्यादा पास की)
मदन मोहन सक्सेना
परायी दुनिया
मदन मोहन सक्सेना
आजकल का ये समय भटका हुआ है मूल से
मदन मोहन सक्सेना
बेबसी में मन से बहता यह नयन का तीर है
मदन मोहन सक्सेना
दिवाली और मेरे शेर
मदन मोहन सक्सेना
लेखनी का कागज से स्पर्श
मदन मोहन सक्सेना
देकर दुआएँ आज फिर हम पर सितम वो कर गए
मदन मोहन सक्सेना
(कल की ही बात है)
मदन मोहन सक्सेना
खुशबुओं की बस्ती
मदन मोहन सक्सेना
गज़ल ( बात अपने दिल की )
मदन मोहन सक्सेना
संग साथ की हार हुई और तन्हाई की जीत हो रही
मदन मोहन सक्सेना
मुक्तक (जान)
मदन मोहन सक्सेना
परम्पराओं का पालन या अँध बिश्बास का खेल (करबा चौथ )
मदन मोहन सक्सेना
ग़ज़ल (माँ का एक सा चेहरा)
मदन मोहन सक्सेना
जिसे देखिये चला रहा है सारे तीर अँधेरे में
मदन मोहन सक्सेना
ग़ज़ल ( क्या जज्बात की कीमत चंद महीने के लिए है )
मदन मोहन सक्सेना
ग़ज़ल ( सच्चा झूठा)
मदन मोहन सक्सेना
सांसों के जनाजें को तो सव ने जिंदगी जाना
मदन मोहन सक्सेना
ग़ज़ल ( जिंदगी जिंदगी)
मदन मोहन सक्सेना
जिंदगी तुम हो हमारी और तुम से जिंदगी है
मदन मोहन सक्सेना
प्रीत
मदन मोहन सक्सेना
आ गया राखी का पर्ब
मदन मोहन सक्सेना
हालत देखकर मेरी ये दुनिया मुस्कराती है
मदन मोहन सक्सेना
ग़ज़ल (ऐतवार)
मदन मोहन सक्सेना
गज़ल (बात करते हैं )
मदन मोहन सक्सेना
ग़ज़ल (अजब गजब सँसार )
मदन मोहन सक्सेना
राखी रक्षा बंधन और रिश्तें
मदन मोहन सक्सेना
जय हिंदी जय हिंदुस्तान मेरा भारत बने महान
मदन मोहन सक्सेना
ग़ज़ल (अपनी जिंदगी)
मदन मोहन सक्सेना
ग़ज़ल (इनायत)
मदन मोहन सक्सेना
प्यार बिन सूना सारा ये संसार है
मदन मोहन सक्सेना
ग़ज़ल( ये कल की बात है )
मदन मोहन सक्सेना
दर्द मुझसे मिलकर अब मुस्कराता है
मदन मोहन सक्सेना
उसकी यादों का दिया अपने दिल में यार जलता है
मदन मोहन सक्सेना
ग़ज़ल (किसी के हाल पर यारों,कौन कब आसूँ बहाता है)
मदन मोहन सक्सेना
देखते है कि आपका मुँह खुलेगा भी या नहीं
मदन मोहन सक्सेना
अमन चैन से रहने बाले दंगे से दो चार हुए
मदन मोहन सक्सेना
गज़ल ( आगमन नए दौर )
मदन मोहन सक्सेना
ग़ज़ल (किस को गैर कहदे हम)
मदन मोहन सक्सेना
तुम्हारा साथ जब होगा नजारा ही नया होगा
मदन मोहन सक्सेना