Tag: ग़ज़ल/गीतिका
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ग़ज़ल (चलो हम भी बोले होली है तुम भी बोलो होली है )
मदन मोहन सक्सेना
ग़ज़ल ( दिल की बातें)
मदन मोहन सक्सेना
ग़ज़ल (दोस्ती आती नहीं है रास अब बहुत ज्यादा पास की)
मदन मोहन सक्सेना
आजकल का ये समय भटका हुआ है मूल से
मदन मोहन सक्सेना
गज़ल ( बात अपने दिल की )
मदन मोहन सक्सेना
ग़ज़ल (माँ का एक सा चेहरा)
मदन मोहन सक्सेना
ग़ज़ल ( क्या जज्बात की कीमत चंद महीने के लिए है )
मदन मोहन सक्सेना
ग़ज़ल ( सच्चा झूठा)
मदन मोहन सक्सेना
ग़ज़ल ( जिंदगी जिंदगी)
मदन मोहन सक्सेना
ग़ज़ल (ऐतवार)
मदन मोहन सक्सेना
गज़ल (बात करते हैं )
मदन मोहन सक्सेना
ग़ज़ल (अजब गजब सँसार )
मदन मोहन सक्सेना
ग़ज़ल (अपनी जिंदगी)
मदन मोहन सक्सेना
ग़ज़ल (इनायत)
मदन मोहन सक्सेना
ग़ज़ल( ये कल की बात है )
मदन मोहन सक्सेना
ग़ज़ल (किसी के हाल पर यारों,कौन कब आसूँ बहाता है)
मदन मोहन सक्सेना
गज़ल ( आगमन नए दौर )
मदन मोहन सक्सेना
ग़ज़ल (किस को गैर कहदे हम)
मदन मोहन सक्सेना
तुम्हारा साथ जब होगा नजारा ही नया होगा
मदन मोहन सक्सेना
ग़ज़ल (हिम्मत साथ नहीं देती)
मदन मोहन सक्सेना
ग़ज़ल (कुर्सी और वोट)
मदन मोहन सक्सेना
ग़ज़ल ( मम्मी तुमको क्या मालूम )
मदन मोहन सक्सेना
गज़ल (कुदरत)
मदन मोहन सक्सेना
किस को गैर कहदे हम और किसको मान ले अपना
मदन मोहन सक्सेना
ग़ज़ल ( प्यारे पापा डैड हो गए )
मदन मोहन सक्सेना
क्या बताएं आपको हम अपने दिल की दास्ताँ
मदन मोहन सक्सेना
गज़ल (ख्बाब)
मदन मोहन सक्सेना
ग़ज़ल (किस ज़माने की बात करते हो )
मदन मोहन सक्सेना
ग़ज़ल (दुनियाँ जब मेरी बदली तो बदले बदले यार दिखे)
मदन मोहन सक्सेना
ग़ज़ल (कंक्रीट के जंगल)
मदन मोहन सक्सेना
गज़ल ( अहसास)
मदन मोहन सक्सेना
देखना है गर उन्हें ,साधारण दर्जें की रेल देखिये
मदन मोहन सक्सेना
गज़ल ( सेक्युलर कम्युनल )
मदन मोहन सक्सेना
ग़ज़ल(दिल की बातें)
मदन मोहन सक्सेना
ग़ज़ल (सबकी ऐसे गुजर गयी)
मदन मोहन सक्सेना
ग़ज़ल (मुसीबत यार अच्छी है)
मदन मोहन सक्सेना
ग़ज़ल (दुआ)
मदन मोहन सक्सेना
ग़ज़ल ( खुद से अनजान)
मदन मोहन सक्सेना
ग़ज़ल (हार-जीत)
मदन मोहन सक्सेना
ग़ज़ल (वक़्त की रफ़्तार)
मदन मोहन सक्सेना
ग़ज़ल (क्यों हर कोई परेशां है)
मदन मोहन सक्सेना
ग़ज़ल( समय से कौन जीता है समय ने खेल खेले हैं)
मदन मोहन सक्सेना
ग़ज़ल (जिंदगी का ये सफ़र )
मदन मोहन सक्सेना
ग़ज़ल ( मुहब्बत है इश्क़ है प्यार है या फिर कुछ और )
मदन मोहन सक्सेना
ग़ज़ल (आये भी अकेले थे और जाना भी अकेला है)
मदन मोहन सक्सेना
कौन साथ ले जा पाया है रुपया पैसा महल अटारी
मदन मोहन सक्सेना
ग़ज़ल ( शायद दर्द से अपने रिश्ते पुराने लगते हैं)
मदन मोहन सक्सेना
ग़ज़ल( बीते कल को हमसे वो अब चुराने की बात करते हैं)
मदन मोहन सक्सेना
गज़ल (रचना )
मदन मोहन सक्सेना
ग़ज़ल (ये जीबन यार ऐसा ही )
मदन मोहन सक्सेना