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121 posts
आएगा ज़माना उलटबांसी का, कह गये थे संत कबीर
आएगा ज़माना उलटबांसी का, कह गये थे संत कबीर
Shreedhar
कुछ असली दर्द हैं, कुछ बनावटी मुसर्रतें हैं
कुछ असली दर्द हैं, कुछ बनावटी मुसर्रतें हैं
Shreedhar
कुछ हम निभाते रहे, कुछ वो निभाते रहे
कुछ हम निभाते रहे, कुछ वो निभाते रहे
Shreedhar
आने दो कुँवार, खिलेगी सुनहरी धान
आने दो कुँवार, खिलेगी सुनहरी धान
Shreedhar
तुम्हारी गली से आने जाने लगे हैं
तुम्हारी गली से आने जाने लगे हैं
Shreedhar
सिर्फ़ तुम्हें सुनाना चाहता हूँ
सिर्फ़ तुम्हें सुनाना चाहता हूँ
Shreedhar
कुछ हम निभाते रहे, कुछ वो निभाते रहे
कुछ हम निभाते रहे, कुछ वो निभाते रहे
Shreedhar
जबसे देखा शहर तुम्हारा, अपना शहर भूल गए
जबसे देखा शहर तुम्हारा, अपना शहर भूल गए
Shreedhar
जहाँ मुर्दे ही मुर्दे हों, वहाँ ज़िंदगी क्या करेगी
जहाँ मुर्दे ही मुर्दे हों, वहाँ ज़िंदगी क्या करेगी
Shreedhar
अब ठहरना चाहता हूँ, कुछ दिनों
अब ठहरना चाहता हूँ, कुछ दिनों
Shreedhar
फ़ानी है दौलतों की असलियत
फ़ानी है दौलतों की असलियत
Shreedhar
तक़दीर का क्या, कभी रूठी, कभी संभल गई
तक़दीर का क्या, कभी रूठी, कभी संभल गई
Shreedhar
दर्द-ओ-ग़म की टीस हंसाते रहती है
दर्द-ओ-ग़म की टीस हंसाते रहती है
Shreedhar
आते जाते रोज़, ख़ूँ-रेज़ी हादसे ही हादसे
आते जाते रोज़, ख़ूँ-रेज़ी हादसे ही हादसे
Shreedhar
फ़ासले ही फ़ासले हैं, मुझसे भी मेरे
फ़ासले ही फ़ासले हैं, मुझसे भी मेरे
Shreedhar
जब से देखा रास्ते बेईमानी से निकलते हैं
जब से देखा रास्ते बेईमानी से निकलते हैं
Shreedhar
पहचान लेता हूँ उन्हें पोशीदा हिज़ाब में
पहचान लेता हूँ उन्हें पोशीदा हिज़ाब में
Shreedhar
दो ग़ज़ जमीं अपने वास्ते तलाश रहा हूँ
दो ग़ज़ जमीं अपने वास्ते तलाश रहा हूँ
Shreedhar
दिया जा रहा था शराब में थोड़ा जहर मुझे
दिया जा रहा था शराब में थोड़ा जहर मुझे
Shreedhar
जोख़िम दग़ा का अज़ीज़ों से ज़्यादा
जोख़िम दग़ा का अज़ीज़ों से ज़्यादा
Shreedhar
शाम वापसी का वादा, कोई कर नहीं सकता
शाम वापसी का वादा, कोई कर नहीं सकता
Shreedhar
‘मंज़र’ इश्क़ में शहीद है
‘मंज़र’ इश्क़ में शहीद है
Shreedhar
तुम कहो उम्र दरकिनार कर जाएं
तुम कहो उम्र दरकिनार कर जाएं
Shreedhar
मौसमों की माफ़िक़ लोग
मौसमों की माफ़िक़ लोग
Shreedhar
ये इश्क़ है हमनफ़स!
ये इश्क़ है हमनफ़स!
Shreedhar
किसी बिस्तर पर ठहरती रातें
किसी बिस्तर पर ठहरती रातें
Shreedhar
अब वो रूमानी दिन रात कहाँ
अब वो रूमानी दिन रात कहाँ
Shreedhar
हमसफ़र नहीं क़यामत के सिवा
हमसफ़र नहीं क़यामत के सिवा
Shreedhar
रुसवाई न हो तुम्हारी, नाम नहीं है हमारा
रुसवाई न हो तुम्हारी, नाम नहीं है हमारा
Shreedhar
लंबे सफ़र को जिगर कर रहा है
लंबे सफ़र को जिगर कर रहा है
Shreedhar
अच्छा ख़ासा तआरुफ़ है, उनका मेरा,
अच्छा ख़ासा तआरुफ़ है, उनका मेरा,
Shreedhar
वो लुका-छिपी, वो दहकता प्यार...
वो लुका-छिपी, वो दहकता प्यार...
Shreedhar
वो लुका-छिपी वो दहकता प्यार—
वो लुका-छिपी वो दहकता प्यार—
Shreedhar
क़त्ल कर गया तो क्या हुआ, इश्क़ ही तो है-
क़त्ल कर गया तो क्या हुआ, इश्क़ ही तो है-
Shreedhar
आख़िरी इश्क़, प्यालों से करने दे साकी-
आख़िरी इश्क़, प्यालों से करने दे साकी-
Shreedhar
कभी अपनेे दर्दो-ग़म, कभी उनके दर्दो-ग़म-
कभी अपनेे दर्दो-ग़म, कभी उनके दर्दो-ग़म-
Shreedhar
ये इश्क़-विश्क़ के फेरे-
ये इश्क़-विश्क़ के फेरे-
Shreedhar
न‌ वो बेवफ़ा, न हम बेवफ़ा-
न‌ वो बेवफ़ा, न हम बेवफ़ा-
Shreedhar
बीती एक और होली, व्हिस्की ब्रैंडी रम वोदका रंग ख़ूब चढे़--
बीती एक और होली, व्हिस्की ब्रैंडी रम वोदका रंग ख़ूब चढे़--
Shreedhar
बर्फ़ के भीतर, अंगार-सा दहक रहा हूँ आजकल-
बर्फ़ के भीतर, अंगार-सा दहक रहा हूँ आजकल-
Shreedhar
अब उनकी आँखों में वो बात कहाँ,
अब उनकी आँखों में वो बात कहाँ,
Shreedhar
कम आ रहे हो ख़़्वाबों में आजकल,
कम आ रहे हो ख़़्वाबों में आजकल,
Shreedhar
तुम्हें पाना-खोना एकसार सा है--
तुम्हें पाना-खोना एकसार सा है--
Shreedhar
सारी तल्ख़ियां गर हम ही से हों तो, बात  ही क्या है,
सारी तल्ख़ियां गर हम ही से हों तो, बात ही क्या है,
Shreedhar
मेरी पेशानी पे तुम्हारा अक्स देखकर लोग,
मेरी पेशानी पे तुम्हारा अक्स देखकर लोग,
Shreedhar
क्षणिकाऐं
क्षणिकाऐं
Shreedhar
तुम सर्वदृष्टा मैं इंसान तुच्छ
तुम सर्वदृष्टा मैं इंसान तुच्छ
Shreedhar
खुद को चिठ्ठी भेजते रहता हूँ
खुद को चिठ्ठी भेजते रहता हूँ
Shreedhar
सौतेले शब्द
सौतेले शब्द
Shreedhar
जन्म-मृत्यु के सिमटते अन्तर
जन्म-मृत्यु के सिमटते अन्तर
Shreedhar
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