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सफलता और सुख का मापदण्ड स्वयं निर्धारित करनांआवश्यक है वरना
Leena Anand
परिवर्तन जीवन का पर्याय है , उसे स्वीकारने में ही सुख है । प
Leena Anand
त्रुटि ( गलती ) किसी परिस्थितिजन्य किया गया कृत्य भी हो सकता
Leena Anand
Maturity is not when we start observing , judging or critici
Leena Anand
जीवन में सदा अपेक्षा व उपेक्षा से बचें । अपेक्षाँएं जीवन मे
Leena Anand
सत्य ही सनाान है , सार्वभौमिक
Leena Anand