Suksham Mahajan 10 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Suksham Mahajan 29 Sep 2016 · 1 min read वीर सपूत देश के वीर सपूतों बढे चलो ,देश तुम्हारे साथ है हम सब भी तुमसे ही हैं, चाहें तुम्हारा हाथ हैं। तुम ही हो सबके नायक, डरो नहीं तूफ़ानों से दुश्मन कुछ कर... Hindi · कविता 514 Share Suksham Mahajan 17 Sep 2016 · 1 min read जनमदिन की शुभकामनायें मोदीजी शत आयु हो तुम्हारी विपदा भी तुमसे है हारी अनवरत आगे बढे चले पूरी करो आशायें हमारी। तुमसा कोई न देखा जग में सूर्य समान चमको तुम जग मे तम... Hindi · कविता 211 Share Suksham Mahajan 16 Sep 2016 · 1 min read दोहे पसंद अपनी अपनी दोहा विधा में एक प्रयास समीक्षारथ: अँधियारे में हैं फँसे , सारे हम इंसान सूरज अपने ज्ञान का, चमका दो भगवान. पाँच विकारों से घिरे , कैसे... Hindi · दोहा 567 Share Suksham Mahajan 3 Sep 2016 · 1 min read समय २२१२...२२१२...२२१२..२२१२ आधार छंद -- हरिगीतिका समांत - आ, पदांत - कर चल दिए धुन श्री राम चंदर कृपालु..... कैसा समय यह आ गया , खुद को उठा कर चल दिये... Hindi · कविता 289 Share Suksham Mahajan 25 Aug 2016 · 1 min read जन्माष्टमी जन्माष्टमी की बहुत बधाई अंधियारे को चीर कर , करने को उजियारा प्रकाश की किरणें फैलाने, आया बंसी वाला मधुर तान बंसी की सुन कर, मोहित हुये सभी जन दुखों... Hindi · कविता 279 Share Suksham Mahajan 10 Aug 2016 · 1 min read मजबूर बचपन बचचे सचचे होते मन के द्वेष भाव न मन में धरते मिलजुल कर रहते हैं सारे हँसी खुशी से मिलकर रहते। खेल खिलौने भाते इनको रंगीन ग़ुब्बारे लुभाते इनको आँखों... Hindi · कविता 1 503 Share Suksham Mahajan 6 Aug 2016 · 1 min read तिल तिल टूट रही हूं तिल तिल टूट रही हूँ मैं खुद से छूट रही हूँ मैं सब कुछ बिखरता जा रहा कुछ भी समझ न आ रहा। जाने कहाँ हुई है चूक हो पाती... Hindi · कविता 406 Share Suksham Mahajan 6 Aug 2016 · 1 min read नारी नारी खूब करें अपमान नारी का , झूठे वादे झूठी क़समें नारे बाज़ी भी करते हैं , कैसी हैं थोथी ये रसमें। आपस में जो बात भी करते, गलियाते माँ... Hindi · कविता 711 Share Suksham Mahajan 6 Aug 2016 · 1 min read देर भले ही हो जाये देर भले ही हो जाये अंधेर सदा नहीं रहना है मिलकर इसे उजाड़े जड़ से नहीं इसे अब सहना है। अनाचार का कर विनाश अब सदाचार अपनाना है सब मिलकर... Hindi · कविता 489 Share Suksham Mahajan 13 Jul 2016 · 1 min read आदित्य आदित्य ने भी खूब है ठानी करने की आज मनमानी उछल उछल कर खूब सताता भागें पीछे दादी नानी। छुप जाता बादलों के पीछे चौंका देता आँखें मींचे तरह तरह... Hindi · कविता 2 442 Share