ललकार भारद्वाज Tag: हास्य-व्यंग्य 2 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid ललकार भारद्वाज 2 May 2024 · 1 min read शादी और साली सर पर सेहरा बांध के मेरे, मंद मंद मुस्कानते हो। सारी चिंता सौंप के मुझको, बड़े चैन से जाते हो।। हंसी नहीं रुकती हैं अब तो, बहुत ही तुम इतराते... Poetry Writing Challenge-3 · हास्य-व्यंग्य 1 55 Share ललकार भारद्वाज 2 May 2024 · 1 min read मित्र धर्म पोल खोल कर रख दोगे, क्या, मित्र धर्म को भूल गए मित्र छुपाए राज सभी, क्यो, मित्र शर्म को भूल गए हसी मजाक ठीक सभी, क्या, मित्र मर्म को भूल... Poetry Writing Challenge-3 · हास्य-व्यंग्य 48 Share