ललकार भारद्वाज Tag: बाल कविता 2 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid ललकार भारद्वाज 14 Nov 2024 · 1 min read बचपन नन्हे से बन्दे, बाबा के कन्धे, बचपन के धन्धे। बैठके वो शान से, इतराते गुमान से, बाबा के प्राण से।।1।। पापा तो सुनते नहीं, डर भी तो लगता हैं, मम्मी... Hindi · बाल कविता 1 1 19 Share ललकार भारद्वाज 8 Jun 2023 · 1 min read बचपन नन्हे से बन्दे, बाबा के कन्धे, बचपन के धन्धे। बैठके वो शान से, इतराते गुमान से, बाबा के प्राण से।। पापा तो सुनते नहीं, मम्मी भी सुनती नहीं। बाबा पे... Poetry Writing Challenge · बाल कविता 4 286 Share