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ये खूबसूरत जहां , मिलेंगे कहां ।
DR. RAKESH KUMAR KURRE

रंग प्यार का चढ़ जाने दो ।
DR. RAKESH KUMAR KURRE

नशीली हवाओं का खुमार छा गया ।
DR. RAKESH KUMAR KURRE

आदत ही तेरी ओछी है, वरना चाय-पानी इतना बदनाम नहीं होता .....
DR. RAKESH KUMAR KURRE

हर बात को क्यूं लेते हो दिल में।
DR. RAKESH KUMAR KURRE

कभी कभी जो जुबां नहीं कहती , वो खामोशी कह जाती है । बेवजह दि
DR. RAKESH KUMAR KURRE

रिश्तों में अपनापन का अहसास होता है ।
DR. RAKESH KUMAR KURRE

मुझे दर्द भी पीना आ गया ।
DR. RAKESH KUMAR KURRE

वक्त को जिसने खोया है ।
DR. RAKESH KUMAR KURRE

रंग बिरंगे फूलों से सज रही है बहार।
DR. RAKESH KUMAR KURRE

उम्मीदों के दामन थामकर चलना चाहिए ।
DR. RAKESH KUMAR KURRE

ये लोकतंत्र का त्यौहार है ।
DR. RAKESH KUMAR KURRE

अच्छा खिलाड़ी वही है जो जज्बातों से नहीं , मैदानों में जज़्ब
DR. RAKESH KUMAR KURRE

कुछ कर गुजर जाने की तमन्ना हो दिल में तो रास्ते खुद ही निकल
DR. RAKESH KUMAR KURRE

सफलता को प्राप्त करने के लिए कठोर परिश्रम और दृढ़ आत्मविश्वा
DR. RAKESH KUMAR KURRE

ये दीवानगी नहीं तो और क्या है ।
DR. RAKESH KUMAR KURRE

न पैसा चाहिए, न उपहार चाहिए ।
DR. RAKESH KUMAR KURRE

क्यों सोचते हो,
DR. RAKESH KUMAR KURRE