कुंदन सिंह बिहारी 10 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid कुंदन सिंह बिहारी 1 Jan 2023 · 1 min read नये वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं नये वर्ष में नयी उमंग,और नया हर्ष मिले। ईश्वर की कृपा मिले,और नया उत्कर्ष मिले।। दुःखो का पहाड़ टले,सुखों का अंबार मिले। अपनो का साथ मिले, और सबसे प्यार मिले।।... Hindi · दोहा 2 363 Share कुंदन सिंह बिहारी 25 Oct 2022 · 1 min read धन की देवी देख दृश्य संसार का, कुछ नया व्यापार का, एक भिखारी खटखटाया, दरवाजा मंदिर के द्वार का। बहुत दिनों से सोचता था, पर आज कहने आया हूँ, माँ मेरा कुछ शिकायत... Hindi · कविता 3 2 238 Share कुंदन सिंह बिहारी 6 Oct 2022 · 2 min read मैं रावण हूँ..... खुद से धोखा पाने को, रावण को आग लगाने को, कुछ लोग इकट्ठा हो गये थे, दिल को सब्र दिलाने को। अब रावण जल जाएगा, दानव भष्म हो जाएगा, बुराई... Hindi · कविता 3 4 637 Share कुंदन सिंह बिहारी 28 May 2022 · 1 min read मन ही मन में कोई खेल रहा मन ही मन में कोई खेल रहा, मृगनयनो से है छेड़ रहा। नित नये सपनों में हमको है कोई ढकेल रहा। मन ही मन में कोई खेल रहा, मृगनयनो से... Hindi · कविता 3 2 245 Share कुंदन सिंह बिहारी 6 Apr 2022 · 1 min read मणिकर्णिका धू-धू करता धधक रहा था देह किसी का,नेह किसी का। 🔥🔥🔥🔥🔥🔥 जलने वाले जल रहे थे, जलाने वाले तड़प रहे थे। लपटे सीना फाड़ रही थी, चड़-चड़ कर चिघांड़ रही... Hindi · कविता 2 1 297 Share कुंदन सिंह बिहारी 18 Mar 2022 · 1 min read होली एक वर्ष का अंत और दूसरे का सुरूआत है होली। राग-द्वेष और नफरत से मुक्त, प्रेम के रंगों की बरसात है होली। दुःख-दर्दो को भस्म कर, खुशियों की सुरूआत है... Hindi · कविता 1 484 Share कुंदन सिंह बिहारी 15 Oct 2021 · 1 min read अच्छाई और बुराई !!अच्छाई और बुराई!! जब मैं सोचता हूँ कि बुराई कहाँ से आया, तो सोचना पड़ता है कि अच्छाई कहाँ से आया। जब मैं सुनता हूँ कि राम अच्छे थे रावण... Hindi · कविता 1 345 Share कुंदन सिंह बिहारी 26 Jun 2020 · 1 min read चाय वाला चाचा(भोजपुरी) चाय वाला चाचाsssss चाय वाला चाचा तनी चटनी चटाई द चहिया नमक डाली चीन के चिखाई द बासठ वाला भारत ना ह चीन दिखाई द चाय वाला चाचा तनी चटनी... Hindi · गीत 5 4 894 Share कुंदन सिंह बिहारी 25 Jun 2020 · 1 min read धन्य हो तुम दारू लड़ते देखा है, झगड़ते देखा है, बात-बात में बात को बिगड़ते देखा है, धन्य हो दारू तुम, तेरी दो घूँट से बिगड़ते बात को बनते देखा है । भाई पर... Hindi · कविता 2 555 Share कुंदन सिंह बिहारी 24 Jun 2020 · 2 min read मानव बनाम कोरोना दंभ भरकर मानव, बोला कोरोना वाइरस से, मै धरती का पुत्र, धरती को कुछ ना समझूं, तो तेरी क्या औकात,जो तेरे से डरूँ। मैं चाहूँ तो धूप हो, मैं चाहूँ... Hindi · कविता 2 3 601 Share