Nakul Kumar Tag: कविता 8 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Nakul Kumar 12 Nov 2024 · 1 min read ग़ज़ल : कौन आया है ये मेरे आशियाने में कौन आया है ये मेरे आशियाने में रात भर जगते रहो इसको सुलाने में जूट की बोरी से ये कुटिया बनाई है तुम चले आते हो मुफ़लिस के घराने में... Hindi · कविता · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका · गीत · शेर 14 Share Nakul Kumar 12 Nov 2024 · 1 min read ग़ज़ल : उसने देखा मुझको तो कुण्डी लगानी छोड़ दी उसने देखा मुझको तो कुण्डी लगानी छोड़ दी फिर मेरे होठों पे इक आधी कहानी छोड़ दी मैं छुपाए फिर रहा था इश्क़ अपने गाँव में और फिर ज़ालिम ने... Hindi · कविता · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका · गीत · शेर 2 18 Share Nakul Kumar 12 Nov 2024 · 1 min read ग़ज़ल : कई क़िस्से अधूरे रह गए अपनी कहानी में कई क़िस्से अधूरे रह गए अपनी कहानी में चले आए हैं बचपन को गँवा के नौजवानी में हवाएँ जो बग़ावत पर उतर आई हैं आख़िर में किसी तूफ़ान की दस्तक... Hindi · कविता · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका · गीत · शेर 2 16 Share Nakul Kumar 12 Nov 2024 · 1 min read शेर : तुझे कुछ याद भी है क्या मिरा उस रात में आना तुझे कुछ याद भी है क्या मिरा उस रात में आना छतों से कूदकर के फिर भरी बरसात में आना कई मंज़र बने ख़ंजर चुभे मेरी निगाहों में मुझे मिलने... Hindi · कविता · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका · गीत · शेर 1 15 Share Nakul Kumar 12 Nov 2024 · 1 min read ग़ज़ल : तुमको लगता है तुम्हारी ज़िंदगी पुर-नूर है तुमको लगता है तुम्हारी ज़िंदगी पुर-नूर है देखो तुम इक बार फिर से रौशनी कुछ दूर है साथ में घर बार लेकर चल रही हैं औरतें सोचते हो तुम ये... Hindi · कविता · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका · गीत · शेर 15 Share Nakul Kumar 12 Nov 2024 · 1 min read ग़ज़ल : इन आँधियों के गाँव में तूफ़ान कौन है इन आँधियों के गाँव में तूफ़ान कौन है तू देख तो ये कौन है पहचान कौन है ये किसके द्वार पे खड़ा ज़िंदा दरख़्त है इन पत्थरों के शहर में... Hindi · कविता · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका · गीत · शेर 1 13 Share Nakul Kumar 12 Nov 2024 · 1 min read ग़ज़ल : रोज़ी रोटी जैसी ये बकवास होगी बाद में रोज़ी रोटी जैसी ये बकवास होगी बाद में मैं अभी तो मौन में हूँ इष्ट जी की याद में इसलिए अफ़सर ने मिलने से मना है कर दिया गड्डियाँ कम... Hindi · कविता · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका · गीत · शेर 16 Share Nakul Kumar 12 Nov 2024 · 1 min read ग़ज़ल : पेट में दाना नहीं पेट में दाना नहीं उपवास लेकर क्या करें मर चुके प्यासे परिंदे प्यास लेकर क्या करें सार्वभौमिक सत्य है ये मृत्यु का आना है तय मछलियाँ बगुलों से फिर विश्वास... Hindi · कविता · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका · शेर 1 15 Share