रिपुदमन झा "पिनाकी" Tag: कविता 6 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid रिपुदमन झा "पिनाकी" 27 May 2021 · 1 min read बरसात बरसी है पहले भी कई बार ये बरसात बरसी है जज़्बात भरी पहली ये बरसात बरसी है। जलता है बदन पानी की ठंडी फुहार से लगता है अबके आग की बरसात बरसी... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता 2 3 455 Share रिपुदमन झा "पिनाकी" 2 Feb 2021 · 1 min read पहला ख़त प्यार का पहला ख़त लिक्खा है ख़त में ये इज़हार किया। मुझको तुमसे प्यार हुआ है ख़त में ये इक़रार किया।। ख़त पढ़ कर नाराज़ न होना तुमसे यही गुज़ारिश... "कुछ खत मोहब्बत के" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 5 43 449 Share रिपुदमन झा "पिनाकी" 25 Dec 2020 · 1 min read कोरोना माई भक्तों की दुनिया में लोगों एक नई माता आई। सभी जनों के संकट हरने प्रकट हुई है सुखदाई। छुटकारा देने आई है कोरोना महामारी से - भक्तों ने ही नाम... "कोरोना" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 8 25 611 Share रिपुदमन झा "पिनाकी" 18 Jul 2019 · 1 min read मेरा क्या कसूर क्या कसूर मेरा जो मुझसे इतनी नफ़रत करती हो बेटी हूं मैं.. इसीलिए क्या नहीं मोहब्बत करती हो। मुझको भी तो नौ महीने ही अपने कोख में पाला था अपने... Hindi · कविता 1 1 478 Share रिपुदमन झा "पिनाकी" 9 Dec 2018 · 1 min read मीठे मीठे पल लौट के फिर न आने वाले बीत गए जो कल बचपन के दिन प्यारे-प्यारे वो मीठे-मीठे पल। भागना फिरना यारों के संग खेलना गलियों में धमाचौकड़ी उधम मचाना मस्ती रंगरलियों... Hindi · कविता 467 Share रिपुदमन झा "पिनाकी" 18 Nov 2018 · 1 min read मां ये शब्द है छोटा सा लेकिन इसमें ममता का सागर है करुणा और प्रेम से भरा हुआ मां के मन का गागर है। संपूर्ण जगत की जननी है कल्याणी विपदा... Hindi · कविता 4 7 308 Share