Krishna Kumar Mishra 2 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Krishna Kumar Mishra 6 Feb 2021 · 1 min read अमर प्रेम- (सवैया) जब था किशोर, मन उठता हिलोर खूब, मैं भी कई बार दिनभर में संवरता ... घर से निकलता था, कालेज में पढ़ने को, मन में मिलन की उमंग लिए फिरता... "कुछ खत मोहब्बत के" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 33 118 1k Share Krishna Kumar Mishra 17 Jan 2021 · 1 min read कोरोना 'गीत' तर्ज़- रिमझिम बरसता सावन होगा.. बुझदिल - कोरोना का मर्दन होगा इकदिन फिर हँसता मनुज मन होगा। फिर से सुंदर..सपनों का जीवन.. दर्शन होगा..। इकदिन फिर... .. घर पर रहकर सामाजिकता दूरी अपनाएंगे सैनिटाइजेर साबुन... Hindi · गीत 3 2 614 Share