गौतम सिंह 3 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid गौतम सिंह 11 Jan 2018 · 1 min read लड़के भी घर छोड़ जाते है जो कभी अंधेरे से लड़ते थे वह आज उजाले से डरने लगे है। जो हमेशा अपने बहनों से लड़ते थे वह आज चुप रहने लगे हैं। खाने में भाई-बहन से... Hindi · कविता 24 20 17k Share गौतम सिंह 31 Dec 2017 · 1 min read मैं मान भी लू मैं मान भी लू तुम नहीं हो मेरी तो भी ना मानेगा यह शहर तेरा बात हमारी जिन्दगी की है चाहे कायम न हो अब विश्वास मेरा... भले ही मैं... Hindi · कविता 5 1 725 Share गौतम सिंह 30 Dec 2017 · 1 min read कभी ऐसा भी होता! कभी ऐसा भी होता हम तुम बाते करते-करते बहुत दूर निकल जाते। तुम होती अपनी पुराने लिबास में मैं होता अपने अंदाज में... तुम मेरे हाथ थामे होती आते जाते... Hindi · कविता 3 1 656 Share