keshav bhargava Tag: मुक्तक 1 post Sort by: Latest Likes Views List Grid keshav bhargava 30 Jan 2017 · 1 min read पिता बेटी !!कभी अपनी सी लगती हैं,कभी गैरो सी लगती हैं!! वह घर की देवी होकर भी,हमें क्यों बोझ लगती हैं!! चली जाती हैं एक दिन वह ,लगा मेहंदी हथेली पर वह... Hindi · मुक्तक 585 Share