Akhilesh Chandra Tag: कविता 10 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Akhilesh Chandra 29 Jan 2017 · 1 min read दंगे के सन्दर्भ में यह मत पूँछो कि कौन मरा वो हिन्दू या मुसलमान था वो कोई भी हो पर पहिले वो इक इन्सान था यह मत पूँछो घर किसका जला वोह हिन्दू का... Hindi · कविता 1 3 369 Share Akhilesh Chandra 29 Jan 2017 · 1 min read हाँ मैं भँवरा हूँ हाँ मैं भँवरा हूँ फूल फूल कली कली मँडराता हूँ उन्हें प्यार के गीत सुनाता हूँ गुन गुन गुन गुन मैं मधुर धुन में गाता हूँ कलियाँ मुस्कराती हैं फूल... Hindi · कविता 1 587 Share Akhilesh Chandra 28 Jan 2017 · 1 min read कविता :तितली तितली ****** तितली के पँख रंगीन और वो हसीन होती है कली कली फूल फूल वो तो घूमती फिरती है कितनी भी दुश्वारियां हों..तितली फिर भी उड़ती है मन भले... Hindi · कविता 1k Share Akhilesh Chandra 28 Jan 2017 · 1 min read कविता : पिता जी परिचय ****** कविता पिता जी ... एक बेटी के उद्गार हैं जो वोह अपने पिता जी को आश्वस्त करते हुए देती है ..पदिये ये सुन्दर उद्गार इस कविता में ...... Hindi · कविता 366 Share Akhilesh Chandra 28 Jan 2017 · 1 min read सदोका मालिका.. मैं कौन मैं कौन ****** मैं कौन होता भाई लिखने वाला जो लिखाता लिखता प्रभु का अंश जो है किरायेदार शब्द विचार देता आदेश मान तुरंत ही लिखता सदोका पे सदोका उसकी... Hindi · कविता 411 Share Akhilesh Chandra 28 Jan 2017 · 1 min read सदोका मलिका ...प्रभु सदोका मालिका.. प्रभु ****************** जानूँ प्रभु को रहता प्रयास में पोथी पढता सत्संग में भी जाता बाँचता धर्मग्रन्थ जान न पाया प्रभु की यह माया बसते कहाँ किसपे होती कृपा... Hindi · कविता 247 Share Akhilesh Chandra 26 Jan 2017 · 1 min read निर्लज्ज राजनीति तांका मालिका .. राजनीति ******** राजनीति तो बन गयी निर्लज्ज शर्म गायब लिहाज़ भी ग़ायब स्वार्थ हुआ सर्वोच्च सिद्धांत वोह किसका है ये नाम ईमानदारी कैसी चिड़िया होती स्वार्थ साधो... Hindi · कविता 416 Share Akhilesh Chandra 26 Jan 2017 · 1 min read ऐसे भी लोग पलटा ट्रक सब्जियाँ हैं बिखरी लूटते लोग घायल ड्राइवर खून तर बतर कोई न देखे घायल ड्राइवर लूटते लोग आखिरी होती साँसें बेबस औ लाचार कहाँ इंसान कहाँ इंसानियत सब्ज़ी... Hindi · कविता 338 Share Akhilesh Chandra 26 Jan 2017 · 1 min read बदनाम औरतें बदनाम औरतें ************ भोंडे श्रृंगार से लिपी पुती बदनाम औरतें छज्जे और खिड़कियों से झाँकती औरतें पापी पेट के लिये ग्राहक तलाशती औरतें हर हाल में लुटती औ लुटाती ये... Hindi · कविता 611 Share Akhilesh Chandra 26 Jan 2017 · 1 min read बेटियाँ माँ बाप का बड़ा अरमान होती हैं बेटियाँ हमारे घरों की अनोखी शान होती हैं बेटियाँ हमारे गोद में डालता जब परमात्मा है इन्हें हर घर को खुशहाल बनातीं है... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 1 962 Share