कविता झा ‘गीत’ Tag: मूरत 1 post Sort by: Latest Likes Views List Grid कविता झा ‘गीत’ 14 May 2024 · 1 min read मूरत रंग बिरंगी सुंदर मूरत, सजी धजी बेजान सी, क्या जाने किस घर जाएगी, ओढ़े कपट की परिधान सी। सजा कर ले जाएगा कोई, धर हाथ वचन खाएगा वो, जीने मरने... Poetry Writing Challenge-3 · 25 कविताएं · कविता · मूरत · मूरत की क़ीमत · रूपक 94 Share