Kavita Agrawal 1 post Sort by: Latest Likes Views List Grid Kavita Agrawal 10 Nov 2018 · 1 min read माँ मेरे रोने पर जब आप मुस्कुराई थी, मेरे आने की आहट तब आपने पाई थी , मेरे हर दर्द पर फिर आपकी आँखें डबडबाई थी । अपनी ममता की छाँव... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 8 68 1k Share