Kaviraag Tag: कविता 24 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Kaviraag 31 May 2024 · 1 min read भूल सकू तो भुला दूं भूल सकू तो भुला दूं सबसे पहले अतीत को जला दू भूल सकू तो भुला दूं एक नए जीवन को शुरुवात दू एक दुआ मांगू ईश्वर से की सारे गम... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 89 Share Kaviraag 31 May 2024 · 1 min read शिकायत नही किसी से शिकायत नही किसी से खुद से ही शिकायत हैं अपने लहजे से शिकायत है अपने संस्कारों से शिकायत है शिकायत है मेरे भोलेपन से जो मैं आज के समाज से... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 2 74 Share Kaviraag 31 May 2024 · 1 min read पछताता हूं फिर भी पछताता हूं फिर भी कुछ नही पता हूं चार दिन काम किया जिस मिल में वहा से निकाला जाता हूं बड़ी मसकत से एक जगह काम मिला था पर वो... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 58 Share Kaviraag 31 May 2024 · 1 min read पिताजी की बाते मैं खुश हूं खा रहा हु सुख से हूं पिताजी को बस यही कहना उन्हें न बताना मैं यहां समान ढोता हूं कट्टे उचकता हू फिर भी चार बाते सुन... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · संस्मरण 3 58 Share Kaviraag 31 May 2024 · 1 min read मां मां ही ममता है मां ही छाया इस जहां में मां की जगह विधाता भी कहा ले पाया बालक को चोट लगती है मां छटपटाटी है सीने से लगाके उसे... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 2 53 Share Kaviraag 31 May 2024 · 1 min read बीते दिन बीते दिन वो बीते दिन अब नही आते वो बचपन के खिलौने अब नही भाते वो आम के पेड़ से आम तोड़ने अब नही जाता शायद अब ये बचपना अब... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · बाल कविता 1 54 Share Kaviraag 31 May 2024 · 1 min read शायद मैं भगवान होता शायद मैं भगवान होता तो गरीबों के पास भी खुशी का असमान होता शायद में भगवान होता शायद में भगवान होता तो कर्मों के फल का मुझे ज्ञान होता हर... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 80 Share Kaviraag 31 May 2024 · 1 min read नयन नयन है निश्चल इसमें न कोई छल पर प्रकट मन आत्मा में हर एक पल ये ही प्रेम की राह दिखाते फिर हृदय में सपने सजाते हैं हट का कारण... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 42 Share Kaviraag 31 May 2024 · 1 min read न अभिमानी बनो न अभिमानी बनो मानव हो तो मानवतावादी बनो कुछ न सही तो दानी बनो पर न अभिमानी बनो भला न कर सको किसी का तो तुम आज्ञायकारी बनो पर न... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 70 Share Kaviraag 31 May 2024 · 1 min read रानी का प्रेम गीत गाना गुनगाना उसका पेशा था गाता फिरता गुनगुनाता फिरता और कुछ न आता जो वो करता रानी के खिड़की के पास वो रोज आता था एक बासुरी के धुन... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 65 Share Kaviraag 31 May 2024 · 1 min read फिर भी गुनगुनाता हूं समझ कुछ नहीं पाता हूं फिर भी गाता गुनगाता हूं मैं सहज, सरल, बेवश, लाचार हूं पर मिथ्या को स्वीकार हूं सत्य की एक हार हूं समझ कुछ नहीं पाता... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 34 Share Kaviraag 31 May 2024 · 1 min read यादें ऐसे तो यादें हजार होती है पर कुछ यादें, खास होती है दिल के बड़े पास होती है . यादों का कोई वक्त नहीं होता, वो तो बस चली आती... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 32 Share Kaviraag 31 May 2024 · 1 min read आने वाला कल आने वाला कल मैंने नहीं देखा, फिर भी कल की चाह में आज को भुला देता हूँ | आजीविका पे नित्य निकल पड़ता हूँ कल को सवारने, के लिए आज... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 63 Share Kaviraag 31 May 2024 · 1 min read शिखर छू़ं पाऊंगा क्या शिखर, नहीं कहूँगा करके बताऊंगा | कोई मुक्काम पाना मुश्किल नही होता, जो मुश्किल हैं उससे आसान समझ ले तो वो बहुत दूर नही होता पथ कुछ... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 27 Share Kaviraag 31 May 2024 · 1 min read कुछ तो नहीं था ना जाने ऐसा क्यों लगता रहा कुछ तो है पर कुछ तो नही था कोई पीछे खड़ा है ये वही भूत है जो कई दिनों से पीछे पड़ा है दौड़ा... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 42 Share Kaviraag 31 May 2024 · 1 min read उपकार हैं हज़ार अनगिनत है उपकार कितने कैसे मैं गिना पाता शायद ईश्वर रूपी विधाता से परिचय करा पाता जब तुमने जो मांगा वो तुम्हें मिला होगा शायद थोड़ा रुक के पर ख्वाहिशों... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 33 Share Kaviraag 31 May 2024 · 1 min read ऋषि का तन रातों में एक अच्छी नींद आँखों में यौवन की माया अब नही आते अब वो उन्हें स्पर्श भी नहीं कर पाते जैसे सावन अब नही आता , भादों भी यौवन... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 37 Share Kaviraag 31 May 2024 · 1 min read भिक्षुक एक श्राप न जाने क्यों लोग उससे इतना कतराते है अपना झूठा भी श्वान को दे भिक्षुक को भगाते है यहां श्वानों को मिलता दूध भिक्षुक पतल ले छटपताते है भिक्षुक कोन... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 55 Share Kaviraag 31 May 2024 · 1 min read अतीत एक साथ क्यों मिलना दुबारा अतीत जो बीत गया क्यों जुड़ना दुबारा आखिर क्यों मिलना दुबारा ये जुड़ाव जुड़ाव ही रहेगा कोशिश चाहे कर्ण की हो पर अतीत , आज न बन... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 29 Share Kaviraag 31 May 2024 · 1 min read जाने दो माँ रानी अब हो गयी है सयानी वो अब किसी की न सुनती जो काले काले अक्षर न चिन्हती अब उन अक्षरों को ही अपना पहचान कहती रानी अच्छी लड़की है... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 31 Share Kaviraag 31 May 2024 · 1 min read कुछ पाने की चाह दूर बैठी पढ़ रही हैं, किताबों में आँखों को गढ़ रही हैं शोर हलचल से भी लड़ रही है, कुछ दूर बैठी पढ़ रही हैं आसपास के परिवेश से अंजान... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 35 Share Kaviraag 31 May 2024 · 1 min read न बोझ बनो पथ पर डटकर तुम रज-कण चाहे जो बनो पर न बोझ बनो यहां पथ पथ पर बाधा होगा जीवन है सुख , दुख से नाता होगा कभी कांटो , कभी... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 47 Share Kaviraag 31 May 2024 · 1 min read किराये का घर कहने को तो मेरा भी एक घर है पर वो किराये का घर या बेघर हैं महीना आते आते किराया सर पर चढ़ जाता है एक दिन किराया चढ़ा नहीं... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 44 Share Kaviraag 31 May 2024 · 1 min read मदिरालय ये मादकता का प्याला तुम न पियो भरा रहता जहर से प्याला मादकता का प्याला पिये खुद को राजा बताते कुछ वक्त बीत जाता अतीत को छिपाते सुंदर यहाँ आता... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 71 Share