Kuldeep Kaur Tag: ग़ज़ल/गीतिका 2 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Kuldeep Kaur 4 Mar 2019 · 1 min read मांँ मैं तेरी परछाई हूंँ ! तेरे आंँचल में पली मांँ मैं तेरी परछाई हूंँ, कैसी रीत है दुनिया की सब कहते हैं पराई हूंँ। तुझको पाकर मुझको मेरा सुंँदर घर संँसार मिला, खुशदिल चेहरे देखकर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 4 9 440 Share Kuldeep Kaur 24 Feb 2019 · 1 min read मैं तेरी फ़ौजन कौन कहता है मुझसे दूर गए हो तुम, करती हूंँ महसूस सांँसों में रम गए हो तुम। पहले ये दिल ही था बसेरा तेरा और अब, हर हिन्दुस्तानी के दिल... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 3 314 Share