डा गजैसिह कर्दम Tag: कविता 4 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid डा गजैसिह कर्दम 24 Apr 2018 · 1 min read भारत माता की चीख माता पर न्यौछावर जन , माता के टुकडे कर बैठे। खल ध्वंस करने चले साथ, आज वे पामर बन बैठे।। पाक बना,बंगला बना, भारत के हिस्से कर बैठे। अमर शहीदों... Hindi · कविता 1 2 282 Share डा गजैसिह कर्दम 14 Apr 2018 · 1 min read इंसान यहां कभी मरा ना हिन्दू, मरा नहीं मुसलमान यहां। इन्सां की बन्दूक से मरा है, सदा ही इन्सान यहां।। आॅसू टपके ना सिक्खों के, रोया नहीं ईसाई कभी। दंगा किया... Hindi · कविता 1 278 Share डा गजैसिह कर्दम 13 Apr 2018 · 1 min read हम विजय श्री ले आवत है। कंपित कर से तिलक कियो है दे विजय श्री का आशिर्वाद । कंपित होंठ कहें सुत से मातृभूमि करना आबाद ।। छलकत नैन ,कर काॅपत हैं होटन पै सिसकी आवत... Hindi · कविता 252 Share डा गजैसिह कर्दम 13 Apr 2018 · 1 min read विलासिता कमरे में बंद विलासिता बाहर के अंधकार के दर्द से बेखबर रात भर अठखेलियाॅ करती रही। भीतर की मिश्रित खिलखिलाती मधुर ध्वनि बाहर के अंधकार का मखौल उडाती रही। रजनी... Hindi · कविता 1 449 Share