Tag: कविता
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वतन की आन का सवाल होता है।
kamni Gupta
पापा से सीखा है।
kamni Gupta
तुम लाख दगा करो हैं संस्कार तुम्हारे.....
kamni Gupta
कविता।
kamni Gupta
कैक्टस !
kamni Gupta
लगता है !
kamni Gupta
खामोश जब मैं हो जाऊंगा
kamni Gupta
प्रकृति
kamni Gupta
वक्त के आगे जो झुकते नहीं हैं
kamni Gupta
जिस दिन सरहद पर जाऊंगा
kamni Gupta
मैं सिपाही
kamni Gupta
सोचता हूँ
kamni Gupta
आधुनिक नारी( हास्य कविता )
kamni Gupta
इंतज़ार
kamni Gupta