kamni Gupta 55 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 kamni Gupta 16 Aug 2016 · 1 min read प्रकृति प्रकृति के प्रकोप से सहम गया इन्सां मंज़िल भी पुकारे पर राहें करती हैरां पग-पग आज़माइश है पर न हो परेशां कभी घने कोहरे कभी हिम के निशां चेहरे भी... Hindi · कविता 414 Share kamni Gupta 27 Aug 2016 · 1 min read खामोश जब मैं हो जाऊंगा खामोश जब मैं हो जाऊंगा। न फिर तुमको नज़र आऊंगा। अब तो कहते हो चले जाओ; यादें मगर ऐसी मैं दे जाऊंगा। बदल जाएगा वक्त और हालात; हर जगह नज़र... Hindi · कविता 475 Share kamni Gupta 7 Jul 2016 · 1 min read इंतज़ार आज भी इंतज़ार में वो आंगण तुम्हारा है, बचपन को तुम्हारे याद अब भी वो करता है, तुम व्यस्त हो खबर यह गांव की मिट्टी को भी है, जिसकी सौंधी... Hindi · कविता 235 Share kamni Gupta 28 Aug 2016 · 1 min read तिरंगा जीवन तो है आना जाना। अपने फर्ज कभी न भुलाना। अपने वतन पर मिटेंगे हम; कभी न कदम पीछे हटाना। जो जां काम न आए वतन पर; कैसे मां का... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 603 Share kamni Gupta 28 Aug 2016 · 1 min read सूखे पत्तों पर सूखे पत्तों की अभी सरसराहट बाकि है। तुम्हारे आने की यूंही आहट बाकि है।।। कामनी गुप्ता *** Hindi · शेर 562 Share Previous Page 2