Kamlesh Ahuja 1 post Sort by: Latest Likes Views List Grid Kamlesh Ahuja 29 Nov 2018 · 1 min read माँ का स्वरूप... नफ़रतों की दुनियां में,इक माँ ही अपनी होती है, हँसती है हमारे लिए,हमारे लिए ही यह रोती है। सुकून से हम रहें, सुख चैन अपना वो खोती है, दुःख में... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 15 77 722 Share