kalipad prasad 82 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 kalipad prasad 15 Sep 2017 · 1 min read ग़ज़ल /गीतिका न जानूँ मैं बताऊँ कैसे’ मन में जो दबाई है जबां पर यह नहीं आती मे’रे खूँ में समाई है | नहीं था जीस्त में आराम शाही खानदानों ज्यो निभाया... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 284 Share kalipad prasad 21 Jan 2017 · 1 min read ग़ज़ल नंदन प्यारा था दुलारा था, सहारा न हुआ मेरा खुद का ही जलाया दिया अपना न हुआ | रौशनी फ़ैल गयी चारो तरफ लेकिन फिर घर अँधेरा था अँधेरा है... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 318 Share kalipad prasad 11 Sep 2017 · 1 min read ग़ज़ल /गीतिका न जानूँ मैं बताऊँ कैसे’ मन में जो दबाई है जबां पर यह नहीं आती मे’रे खूँ में समाई है | नहीं था जीस्त में आराम शाही खानदानों ज्यो निभाया... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 274 Share kalipad prasad 6 Jan 2017 · 1 min read ग़ज़ल काले बादल से हवा में भी नमी लगती है | दिल के रोने से ये आँखे भी गिली लगती है || रजनी के आँसू से धरती ने बुझाया है प्यास|... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 277 Share kalipad prasad 14 Oct 2017 · 1 min read ग़ज़ल वो बेरुखी हबीब की’ दिल के सितम हुये रिश्ते तमाम छिन गए’ आशिक अलम हुये | संचार का विकास किया जिंदगी सुगम दुर्वोध बाधा विघ्न सभी ओर कम हुए |... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 265 Share kalipad prasad 5 Nov 2017 · 1 min read ग़ज़ल टूटी हुई गृहस्थी’ बसाने की बात कर अब आपसी रियाज़ निभाने की’ बात कर | भाषण की’ आग में जले’ घर द्वार जिन्दगी अब छोड़ सब तू’ आग बुझाने की’... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 265 Share kalipad prasad 16 Sep 2016 · 1 min read ग़ज़ल/गीतिका बहर २१२२ २१२२ २१२२ २१२ दोस्तों के वेश में देखो यहाँ दुश्मन मिले चाह गुल की थी मगर बस खार के दंशन मिले | यारों का अब क्या भरोसा, यारी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 253 Share kalipad prasad 5 May 2018 · 1 min read ग़ज़ल जान लो पत्थर में’ होती जान है कंकड़ों में दीखते भगवान है | ईँट पत्थर जोड़कर बनता भवन जिंदगी में आदमी सामान है | हो गया पत्थर सभी मानव यहाँ... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 295 Share kalipad prasad 6 Dec 2017 · 1 min read ग़ज़ल तारीफ़ से हबीब कभी तर नहीं हूँ’ मैं मुहताज़ के लिए कभी’ पत्थर नहीं हूँ’ मैं | वादा किया किसी से’ निभाया उसे जरूर इस बात रहनुमा से’ तो’ बदतर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 255 Share kalipad prasad 17 Jan 2017 · 1 min read ग़ज़ल /गीतिका नंदन प्यारा था दुलारा था, सहारा न हुआ मेरा खुद का ही जलाया दिया अपना न हुआ | रौशनी फ़ैल गयी चारो तरफ लेकिन फिर घर अँधेरा था अँधेरा है... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 266 Share kalipad prasad 11 Jan 2017 · 1 min read मुक्तक दो मुक्तक उदय उदयाचल से उदित हुआ नव रश्मि दिनमान रक्तिम आभा फ़ैल गई धरती आसमान नई किरण नई आशा प्रेरणा का स्रोत है जीव जंतु बनस्पति सबको देता है... Hindi · मुक्तक 269 Share kalipad prasad 2 Feb 2017 · 1 min read ग़ज़ल /गीतिका जो गया जग छोड़कर, उसको कभी आना नहीं वह शरण में है रब के, कोई और का प्यारा नहीं | झिलमिलाता चौंधियाना चीज़ जिसमे है चमक दीखता है दीप्त पर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 274 Share kalipad prasad 8 Dec 2016 · 1 min read ग़ज़ल कुछ को लगा कि नाव डूबता नज़र आ रहा है तो कोई अपनी सत्यता का गीत गाता रहा है | तो कोई माँगता है हक़ तमाम संपत्ति स्वामित्व फिर इंदिरा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 248 Share kalipad prasad 16 May 2017 · 1 min read ग़ज़ल /गीतिका मीना–ए-मय में’ मस्त सहारा शराब है गुज़र गया है’ वक्त, नहीं अब शबाब है | संसार में नहीं मिला दामन किसी का’ साफ प्रत्येक चेहरा ढका, काला नकाब है |... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 255 Share kalipad prasad 21 Oct 2017 · 1 min read ग़ज़ल जिक्र तेरी सुन्दरता और फिर बयाँ उनका कौन कौन है सच्चा दोस्त इम्तिहाँ उनका | वज्मे शाह में मय का है अकीद बंदोवस्त राजदां था’ जो तेरा, अब है’ राज़दां... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 253 Share kalipad prasad 12 Dec 2016 · 1 min read दोहे नोट बंद जब से हए, लम्बी लगी कतार बैंकों में मुद्रा नहीं, जनता है लाचार | लम्बी लम्बी पंक्ति है, खड़े छोड़ घर बार ऊषा से संध्या हुई, वक्त गया... Hindi · दोहा 255 Share kalipad prasad 16 Dec 2017 · 1 min read ग़ज़ल बिल्ली चूहे का’ खेल, दिखाना कहे जिसे नेता प्रजा के’ बीच, तमाशा कहे जिसे | वादा किया था’ तुमने’ मिलेंगे यहीं सदा लंबा है’ इंतज़ार, तमन्ना कहे जिसे | दर्दे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 253 Share kalipad prasad 13 Nov 2017 · 1 min read ग़ज़ल तुम नहीं सुनते कहानी मेरी हो रही बंजर जवानी मेरी | क्या कहे तुमको जबानी मेरी खत्म अब सब वो रवानी मेरी | धीरे’ धीरे बह गया पानी सब रह... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 255 Share kalipad prasad 22 Dec 2016 · 1 min read ग़ज़ल न किसी को कभी रुलाना है हर दम हर को तो हँसाना है|१ कर्मों के फुलवारी से ही यह जीवन बाग़ सजाना है |२ दुःख दर्द सबको विस्मृत कर जश्न... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 281 Share kalipad prasad 3 Mar 2017 · 1 min read गीतिका /गजल गीतिका ********* बेवफा रिश्ते निभाने आ गया आज मुझको आजमाने आ गया | भूला बिसरा गीत यादों में बसा दोस्त उसको गुनगुनाने आ गया | कौन है जो यूँ ही... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 252 Share kalipad prasad 28 Sep 2016 · 1 min read मुक्तक 28/९/२०१६ दुनिया जगमगाती है सूर्य के आने के बाद काला कफ़न फ़ैल जाता रवि के जाने के बाद मानव मन का कालापन ,अमावस्या से गहरा मन का तम मिटता है,... Hindi · मुक्तक 278 Share kalipad prasad 16 Oct 2017 · 1 min read ग़ज़ल हम करे कुछ भला’ नादान बुरा कहते हैं जख्म पर के दवा’ को वो जफ़ा कहते हैं | मंत्री’ बन कर वो’ फँसाया सभी चोरों को फिर एडवोकेट बने चोर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 281 Share kalipad prasad 5 Jan 2017 · 1 min read ग़ज़ल /गीतिका खुशबू नहीं शबाब नहीं अब गुलाब में कैसे कहूँ कशिश भी नहीं अब शराब में | काली घटा गरफ्त किया सूर्य रौशनी वो तीक्ष्णता चुभन भी नहीं आबताब में |... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 239 Share kalipad prasad 29 Sep 2016 · 1 min read ग़ज़ल/गीतिका थी जान जब तक वो लडे फिर जाँ लुटा कर चल दिये इस देश की खातिर वे खुद को भी मिटा कर चल दिये| लड़ते गए सब वीरता से टैंकरों... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 239 Share kalipad prasad 3 Nov 2016 · 1 min read ग़ज़ल /गीतिका ग़ज़ल अवाम में सभी जन हैं इताब पहने हुए सहिष्णुता सभी की इजतिराब पहने हुए | गरीब था अभी तक वह, बुरा भला क्या कहें घमंडी हो गया ताकत के... Hindi · कविता 231 Share kalipad prasad 9 Dec 2017 · 1 min read ग़ज़ल निर्दयी कंस सा’ दानव कोई मामा न हुआ सच यही बात कि उस सा कोई पैदा न हुआ | रोज़ ही हादसा’ क्यों हो रहा’ है रेल में’ अब रेल... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 231 Share kalipad prasad 28 Jan 2017 · 1 min read ग़ज़ल /गीतिका सादगी है भली जिंदगी के लिये तीरगी फैली है रौशनी के लिये । बेवफाई नही पत्नियों से कभी फायदा है वफा, आदमी के लिये । क्या कहूँ क्या लिखूँ सब... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 239 Share kalipad prasad 23 Sep 2016 · 1 min read ग़ज़ल/गीतिका जो कुछ चाहिए सब बराबर रखा है मधुर मंजु चीजें सजाकर रखा है | तुम्हारी कसम है, हो तुम ही सहारा विगत पल की यादें, बचाकर रखा है | न... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 229 Share kalipad prasad 10 Jan 2017 · 1 min read ग़ज़ल बखेडा वतन को मिटाता रहा है जमाना यहाँ घर बसाता रहा है | यही है फ़साना यही है वो’ झगडा सदा दुश्मनी क्यों निभाता रहा है | पुराना चलन है... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 220 Share kalipad prasad 16 Sep 2016 · 1 min read ग़ज़ल/गीतिका मापनी : १२२२ १२२२ १२२२ काफिया : आना , रदीफ़: है उमंगों की तरंगे यूँ छुपाना है विरह में गीत यूँ अब गुन गुनाना है | ये↓ लहरे तो उठेगी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 216 Share kalipad prasad 7 Dec 2016 · 1 min read ग़ज़ल कमजोर जो हैं तुम उन्हें बिलकुल सताया ना करो खेलो हँसो तुम तो किसी को भी रुलाया ना करो | दो चार दिन यह जिंदगी है मौज मस्ती से रहो... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 236 Share kalipad prasad 19 Dec 2016 · 1 min read ग़ज़ल /गीतिका बन्दे का काम घेर, उसूलों ने ले लिया है गलतियाँ रहस्य, बहानों ले लिया |१ वो बात जो थी कैद तेरे दिल की जेल में आज़ाद करना काम अदाओं ने... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 185 Share Previous Page 2