KAJAL CHOUDHARY 10 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid KAJAL CHOUDHARY 9 May 2022 · 1 min read पिता पिता के बाद, याद आता है, बहुत कुछ- उनका त्याग, उनकी तपस्या। हमारी ख़ातिर हमारी परवरिश हेतु, हमीं से दूर रह हर पल चिंताकुल रहना, हमारी ज़िद्द भरी भूलो पर,... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता 14 22 621 Share KAJAL CHOUDHARY 30 Jan 2022 · 1 min read नव वर्ष क्या खोया क्या पाया छोड़ो कल की बात बीत गई आखिरी ठंडी रात अभिनन्दन नव वर्ष प्रथम प्रभात संग लाना खुशियां हजार नए जोश में सारा संसार स्वच्छ रहेंगे,स्वस्थ रहेंगे... Hindi · कविता 4 177 Share KAJAL CHOUDHARY 30 Jan 2022 · 1 min read बेटी जन्म लिया बेटी का नहीं किया कोई गुनाह दूसरो के गुनाह की क्यों मिलती हमें सजा ना काली ना दुर्गा ना देवियों से तुलना एक कर उपकार इन्सान हमें समझना... Hindi · कविता 4 1 411 Share KAJAL CHOUDHARY 30 Jan 2022 · 1 min read बेटी हूं अभिशाप नहीं मां की तपस्या पिता का गुमान हूं त्याग ,ममता ,श्रद्धा विश्वास से परिपूर्ण परिवार का मान हूं मै बेटी हूं! अभिशाप नहीं वरदान हूं दो कुलो को रोशन करे, वो... Hindi · कविता 5 9 572 Share KAJAL CHOUDHARY 30 Jan 2022 · 1 min read लेखनी मेरी लेखनी मेरी सच्ची साथी मेरी पहचान मेरी ताकत मेरी लेखनी मेरा अभिमान जुबां से जो बयां ना हो उन भावो को देती नया आकार सुख दुख में सदा साथ... Hindi · कविता 5 667 Share KAJAL CHOUDHARY 30 Jan 2022 · 1 min read कोरोना समय थमा, विकास थमा, सूक्ष्म वुहनी, कोरोना वायरस – प्रकोप से! बंदी- बेरोज़गारी- मौत – का बाज़ार बढ़ा! सरक्षा में भागते पैरों में छाले पड़े मौत के खौफ से कुछ... Hindi · कविता 4 218 Share KAJAL CHOUDHARY 30 Jan 2022 · 1 min read प्रतीक्षा प्रतीक्षा अपनों की, अपनों के प्यार की प्रतीक्षा दुख में उदासी में खुशी और मुस्कान की प्रतीक्षा संघर्ष में सफलता की, सपनो की उड़ान की प्रतीक्षा करोड़ों में किसी खास... Hindi · कविता 3 315 Share KAJAL CHOUDHARY 30 Jan 2022 · 1 min read मां शारदे मां शारदे वरदान दो ज्ञान का भंडार दो मां हमें संज्ञान दो ज्ञान का प्रसार दो मां शारदे वरदान दो सौम्य रूपा शारदे नित नवल उत्त्थान दो सत्य मार्ग पर... Hindi · कविता 2 409 Share KAJAL CHOUDHARY 30 Jan 2022 · 1 min read बारिश याद है मुझे वो बचपन की बारिश! कागज की कश्ती बारिश का पानी! मां के हाथ की भजिया दादा जी की खटिया जिस पर बैठ कर करते हम ढेर सारी... Hindi · कविता 4 1 185 Share KAJAL CHOUDHARY 30 Jan 2022 · 1 min read मौन प्रश्न माना कोई वादा नहीं किया था ना खाई थी कसमे पर कुछ तो था हमारे बीच बिना कहे तेरा सब समझ जाना आंखों में आंसू देख झठ से हंसाना! अब... Hindi · कविता 4 4 217 Share