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भारत की धरती से देखो इक परचम लहराया है।
Jyoti Shrivastava(ज्योटी श्रीवास्तव)
सनम हर पल तुझी को ही लिखे शब्दों में पाया है।
Jyoti Shrivastava(ज्योटी श्रीवास्तव)
तुम्हें जब सोचते हमदम ज़माना भूल जाते हैं ।
Jyoti Shrivastava(ज्योटी श्रीवास्तव)
(1ग़ज़ल) बंजर पड़ी हैं धरती देखें सभी नदी को
Jyoti Shrivastava(ज्योटी श्रीवास्तव)
जय मां शारदे 🌺🌺🙏
Jyoti Shrivastava(ज्योटी श्रीवास्तव)