चन्दन कुमार 'मानवधर्मी' 6 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid चन्दन कुमार 'मानवधर्मी' 26 Oct 2022 · 1 min read नेकी मैं छोटी बड़ी नेकियाँ करता गया... और दरिया में डाल दिया ... ! अफसोस ! एक दिन, मैं नेकी नहीं कर पाया... मैंने सोचा, सैकड़ों बार उपकृत लोग, मेरी नेकी... Hindi · कविता · चन्दन कुमार मानवध · नेकी 269 Share चन्दन कुमार 'मानवधर्मी' 1 Jun 2021 · 1 min read भीग रहा है मनोजलज ! इन्द्र धनुष से रंग झरे , रे बादल के बारात में ! भीग रहा है मनोजलज ! हरख हरख बरसात में ! हरित मनोहर मोहक तंतु , जाल हिलाता सावन,... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता 4 14 635 Share चन्दन कुमार 'मानवधर्मी' 8 May 2021 · 1 min read नूरे श़बाब झील में तुम उतरे, पानी अभ्र मिल गये। नूरे शबाब देखकर चाँद तारे हिल गये। नैन तीर चीर देते, दिल पे करके चोट, महज़ मुस्कुराहटों से कत्ल करते होंट। सुर्ख... Hindi · कविता 1 428 Share चन्दन कुमार 'मानवधर्मी' 1 Feb 2021 · 1 min read साथी तेरा साथ पल भर को भी तेरी यादें, विस्मृत हों न मन से, साथी तेरा साथ है प्यारा, हमको तो जीवन से ! पतझर से विराने मेरे, मन में छायी मत्त बहार।... "कुछ खत मोहब्बत के" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 30 130 1k Share चन्दन कुमार 'मानवधर्मी' 20 Dec 2020 · 1 min read सच्चा सौन्दर्य एक मिनट के, साठवें हिस्से में ही, पता चल जाता है - चेहरा कितना सुन्दर है ! सिर्फ साठवें वर्ष तक, वही सुन्दरता, कई प्रकाश वर्ष दूर चली जाती है... Hindi · कविता 8 16 348 Share चन्दन कुमार 'मानवधर्मी' 16 Dec 2020 · 1 min read कोरोना किसी को हो ना छूकर लेती प्राण छीन ये, हाय किसी को हो ना। आयी नई बीमारी जग में जिसका नाम कोरोना । वुहान चीन को करके पार, व्यापी विश्व सकल संसार। इतनी घातक... "कोरोना" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 27 108 1k Share