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बहुत फ़र्क होता है जरूरी और जरूरत में...
Jogendar singh
ज्यादा अच्छा होना भी गुनाह है
Jogendar singh
लोगों के रिश्तों में अक्सर "मतलब" का वजन बहुत ज्यादा होता है
Jogendar singh
लोगों के रिश्मतों में अक्सर "मतलब" का वजन बहुत ज्यादा होता
Jogendar singh
हम सब एक दिन महज एक याद बनकर ही रह जाएंगे,
Jogendar singh
आप चाहे किसी भी धर्म को मानते हों, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता
Jogendar singh
सुंदर विचार
Jogendar singh
वक्त सबको पहचानने की काबिलियत देता है,
Jogendar singh
इज़्ज़त
Jogendar singh
इंसान को इतना पाखंड भी नहीं करना चाहिए कि आने वाली पीढ़ी उसे
Jogendar singh
हमारा अस्तिव हमारे कर्म से होता है, किसी के नजरिए से नही.!!
Jogendar singh
वक्त
Jogendar singh
दवाइयां जब महंगी हो जाती हैं, ग़रीब तब ताबीज पर यकीन करने लग
Jogendar singh
महत्वपूर्ण यह नहीं कि अक्सर लोगों को कहते सुना है कि रावण वि
Jogendar singh
जो सरकार धर्म और जाति को लेकर बनी हो मंदिर और मस्जिद की बात
Jogendar singh
कड़वा सच
Jogendar singh
यह गलतफहमी कभी नहीं पालता कि,
Jogendar singh