जगदीश शर्मा सहज Tag: बाल कविता 6 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid जगदीश शर्मा सहज 29 Jan 2021 · 1 min read चूहे जी बाल्य कविता ( चूहे जी ? ) नटखट प्यारे चूहे जी, लाड़ हमारे चूहे जी। बिल्ली से डरकर रहते, राजदुलारे चूहे जी ।। दिल से जिनको थाम रखा, ध्यान सबेरे... Hindi · कविता · बाल कविता 292 Share जगदीश शर्मा सहज 29 Jan 2021 · 1 min read "रेल" छुक-छुक करती चलती रेल। सिग्नल देख निकलती रेल । नानी के घर हमें उतार, फिर रफ़्तार पकड़ती रेल । छुट्टी के दिन रहते चार, नाना नानी करते प्यार । रोज... Hindi · कविता · बाल कविता 205 Share जगदीश शर्मा सहज 29 Jan 2021 · 1 min read "चंदा मामा" मेरे प्यारे चंदा मामा- सँग-सँग मेरे चलते जाना । उजियारा मुझको दिखलाना, पैदल पथ पर जब भी जाऊॅं छुपकर मेरे पीछे आना। तारों से बातें करवाना, नभ की सारी सैर... Hindi · कविता · बाल कविता 395 Share जगदीश शर्मा सहज 29 Jan 2021 · 1 min read "दशहरा" धूम मची थी आज सुबह से,भुवन पटाखे लाया था। आज दशहरे का अवसर था, चंदा खूब उगाया था ।। माही आरू और अमन ने, मिलजुलकर यह ठाना था। पुतला दहन... Hindi · कविता · बाल कविता 247 Share जगदीश शर्मा सहज 29 Jan 2021 · 1 min read "चिड़ियाघर" चैत का महिना उमस से रोज तपता दिन, ग्रीष्म के अवकाश में तुम ज़ू कभी जाओ। शेर, हाथी, तेंदुआ, चीतल, चिकारा मृग, अश्व, सॉंभ्ार,रीछ को तुम पास में पाओ ।... Hindi · कविता · बाल कविता 390 Share जगदीश शर्मा सहज 29 Jan 2021 · 1 min read "मिठ्ठूराजा" छत पर आया मिट्ठू राजा। मन को भाया मिट्ठू राजा ।। रंगत से वह हट्टा-कट्टा । उसके कंठ मढ़ा था पट्टा ।। कुछ दिन से रूखा-रूखा था। शायद वह सच... Hindi · कविता · बाल कविता 203 Share