जगदीश शर्मा सहज Tag: अतुकान्त कविता 2 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid जगदीश शर्मा सहज 4 Nov 2022 · 1 min read बूढ़ा आदमी उम्र की ढलान पर जब, आदमी के दांत निकल जाते हैं, बाल सफेद होने लगते हैं; बूढ़ा लगने लगता है, घर वालों को भी कूड़ा लगने लगता है। खोया रहता... Hindi · अतुकान्त कविता 1 2 105 Share जगदीश शर्मा सहज 31 Dec 2022 · 1 min read नया साल -नन्हा बच्चा नए साल का नया दिन एक नन्हा सा बच्चा समझ से कच्चा सोचता है दुनिया मेरे स्वागत को खड़ी होगी जनवरी की पहली तारीख को मेरे आने की उत्सुकता बड़ी... Hindi · अतुकान्त कविता 1 193 Share